रघुनंदन शर्मा कहा- लाडली बहना योजना के तहत 250 सौ रू केवल उन्हीं महिलाओं को दी जानी चाहिए जो रक्षाबंधन का त्यौहार मनाती है

भोपाल अपने बयानों से लगातार सुर्खियों में रहने वाले भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने प्रदेश सरकार से ऐसी मांग की है, जिससे प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने शुक्रवार को प्रदेश सरकार से मांग की है कि लाडली बहना […]

रघुनंदन शर्मा कहा- लाडली बहना योजना के तहत 250 सौ रू केवल उन्हीं महिलाओं को दी जानी चाहिए जो रक्षाबंधन का त्यौहार मनाती है

भोपाल
अपने बयानों से लगातार सुर्खियों में रहने वाले भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने प्रदेश सरकार से ऐसी मांग की है, जिससे प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने शुक्रवार को प्रदेश सरकार से मांग की है कि लाडली बहना योजना के तहत रक्षाबंधन के लिए सरकार ने ढाई सौ रुपए की राशि की जो बढ़ोतरी की है, यह राशि सिर्फ उन्हीं महिलाओं को दी जानी चाहिए जो रक्षाबंधन का त्यौहार मनाती है। शर्मा ने साफ तौर पर मुस्लिम वर्ग की महिलाओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जिन महिलाओं का रक्षाबंधन से कोई लेना-देना नहीं है और जो इस त्यौहार को नहीं मानती हैं, उन्हें ढाई सौ रुपए की राशि नहीं दी जानी चाहिए। शर्मा के बयान के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई है।
 
भाजपा नेता रघुनंदन शर्मा कि इस मांग पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अब्बास हफीज ने रघुनंदन शर्मा के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यही बीजेपी का चरित्र है। जो बात रघुनंदन शर्मा कर रहे हैं, ऐसे ही बीजेपी लगातार समाज को हिंदू, मुस्लिम, दलित, आदिवासी में बांटने की कोशिश करती है। अब्बास हफीज ने कहा कि रघुनंदन शर्मा के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी को अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए।
 
अब्बास हफ़ीज़ ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश की गंगा जमुनी तहजीब में कई ऐसी मुस्लिम महिलाएं हैं जो अपने हिंदू भाइयों को राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्यौहार मनाती है और कई हिंदू बहने भी अपने मुस्लिम भाइयों को रक्षाबंधन पर राखी बांधती है। ऐसे में रघुनंदन शर्मा जी का यह बयान समाज को बांटने की कोशिश नजर आ रहा है। कुल मिलाकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा के बयान से एक बार फिर बीजेपी मुश्किल में नजर आती दिखाई दे रही है और कांग्रेस को बैठे-बैठे बीजेपी को घेरने का एक और मुद्दा हाथ लग गया है।