सिंगरौली जिले में ड्रोन तकनीक के माध्यम से तेजी से वनीकरणः आजीविका सीडबॉल प्रसारण पहल का शुभारंभ

सिंगरौली मध्य प्रदेश जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में तेजी से वनीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एग्रीचिकित्सा द्वारा विकसित ड्रोन तकनीक का उपयोग कर एक महत्वाकांक्षी पहल का शुभारंभ किया गया है। माननीय राज्य मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती राधा सिंह, सिंगरौली जिले के डीएम चंद्रशेखर शुक्ला और जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी […]

सिंगरौली जिले में ड्रोन तकनीक के माध्यम से तेजी से वनीकरणः आजीविका सीडबॉल प्रसारण पहल का शुभारंभ

सिंगरौली
मध्य प्रदेश जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में तेजी से वनीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एग्रीचिकित्सा द्वारा विकसित ड्रोन तकनीक का उपयोग कर एक महत्वाकांक्षी पहल का शुभारंभ किया गया है। माननीय राज्य मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती राधा सिंह, सिंगरौली जिले के डीएम चंद्रशेखर शुक्ला और जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेंद्र सिंह नागेश द्वारा ग्राम सकेति, ब्लॉक चितरंगी में इस पहल का उद्घाटन 12 जुलाई को किया गया था।

इस पहल के अंतर्गत, मानसून ऋतु में जिले के तीन ब्लॉकों वैढ़न, देवसर और चितरंगी के कुल 19 स्थानों पर 2,00,000 सीडबॉल का प्रसारण ड्रोन के माध्यम से किया जाना है। अब तक, वैढ़न जनपद के 6 ग्राम पंचायतों के पहाड़ों में 65,000 सीडबॉल सफलतापूर्वक फेंके जा चुके हैं। पिपराझापी ग्राम पंचायत में 15,000, खैराही ग्राम पंचायत में 10,000, विहारा ग्राम पंचायत में 10,000, हटका में 10,000, मलगो में 10,000 और सुहिरा में 10,000 सीडबॉल प्रसारित किए गए हैं।

इस कार्यक्रम का आयोजन 12 जुलाई से 14 सितंबर तक हर सप्ताहांत (शनिवार और रविवार) को शाम 3 से 5 बजे तक किया जाता है। इसमें आजीविका मिशन के समूह की महिलाएं, ग्राम पंचायत के बच्चे, सरपंच, सचिव, नौजवान, महिलाएं और बुजुर्ग सभी खुशी-खुशी शामिल होकर सीडबॉल को पहाड़ों पर फेंकते हैं और खेल-खेल में पर्यावरण और पेड़ लगाने का कार्य करते हैं।जिला सिंगरौली के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेंद्र सिंह नागेश ने बताया, “जिले में तेजी से वनीकरण करने और मिट्टी के क्षरण को रोकने के लिए यह पहल अत्यंत महत्वपूर्ण है। ड्रोन तकनीक का उपयोग कर सीडबॉल प्रसारण से बीजों को तेजी से और आसानी से पहाड़ी क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सकेगा, जिससे वृक्षारोपण में वृद्धि होगी और पर्यावरण को लाभ होगा।“

इस पहल में उपयोग किए जाने वाले सीडबॉल में खमेर, सुबबुल, नीम, महुआ जैसे यहाँ के देसी बीज शामिल हैं। इन बीजों का चयन स्थानीय जलवायु और परिस्थितियों के अनुकूल होने के आधार पर किया गया है, जिससे इनके पनपने और फलने-फूलने की संभावना अधिक होगी। इस कार्यक्रम में जिले की आजीविका मिशन की समूह की महिलाएं सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। महिलाएं सीडबॉल तैयार करने और ड्रोन प्रसारण में सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रही है, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें आजीविका के अवसर प्रदान करने में भी सहायक है।ड्रोन से सीडबॉल प्रसारण पहल एक अनूठी पहल है जो आजीविका और पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्यों को एक साथ पूरा करने का प्रयास करती है। यह पहल न केवल सिंगरौली जिले, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है और अन्य क्षेत्रों में भी इसका अनुकरण किया जा सकता है।