‘ तेल अवीव और हाइफा सहित कई इलाकों में मचाएंगे तबाही’, इजरायल को ईरान की खुली धमकी
तेहरान ईरान और इजरायल के बीच तनाव इस समय चरम पर है। हानिया पर हमले के बाद ईरान की से बदले की कार्रवाई हो सकती है। ईरान के हमले के अंदेशे को देखते हुए इजरायल और उसका खास सहयोगी अमेरिका तैयारी कर रहे हैं। इस बीच रक्षा एक्सपर्ट ने दावा किया है कि ईरान का […]
तेहरान
ईरान और इजरायल के बीच तनाव इस समय चरम पर है। हानिया पर हमले के बाद ईरान की से बदले की कार्रवाई हो सकती है। ईरान के हमले के अंदेशे को देखते हुए इजरायल और उसका खास सहयोगी अमेरिका तैयारी कर रहे हैं। इस बीच रक्षा एक्सपर्ट ने दावा किया है कि ईरान का इजरायल पर ये हमला इसी साल अप्रैल में हुए अटैक से बड़े स्तर पर होगा। ईरान ने इस साल अप्रैल में इजरायल पर सैकड़ों की तादाद में मिसाइल और ड्रोन दागे थे। दावा किया जा रहा है कि इस दफा ईरान इससे कहीं बड़े हमले की योजना बना रहा है।
द सन की रिपोर्ट कहती है कि इस्माइल हानिया की बाद ईरान अपना बदला लेने की योजना बना रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आईडीएफ को उसके पड़ोसी देशों में ईरान की ओर से 170 ड्रोन, 30 क्रूज मिसाइल और 120 बैलिस्टिक मिसाइलें भेजे जाने की सूचना मिली है। एक्सियोस ने अमेरिकी जासूसों के हवाले से कगहा है कि ईरान कुछ ही दिनों में इजरायल पर हमला करेगा। लेबनान की राजधानी बेरूत में अपने वरिष्ठ कमांडर की हत्या के बाद हिजबुल्लाह भी इजरायल पर हमला कर सकता है और वह ईरान के साथ इसमें शामिल होगा।
अमेरिका ने माना- आने वाले दिन हो सकते हैं मुश्किल
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका अपने सहयोगी इजरायल की सुरक्षा के लिए सावधानी बरत रहा है और उसे लगता है कि आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं। इजरायल के अधिकारियों भी मानना है कि ईरान उनके देश पर बड़ा मिसाइल हमला करेगा। पूर्व इजरायली खुफिया अधिकारी एवी मेलमेड ने कहा कि हमला ईरान के किसी प्रॉक्सी जैसे हिजबुल्लाह, इराक में शिया मिलिशिया या यमन में हौथियों के माध्यम से हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमले में साइबर हमला शामिल हो सकता है।
ईरान की सेना अब इजरायल पर सबसे बड़े हमले की तैयारी कर रही है। इस हमले की जद में लेबनान भी आ सकता है जहां पर हिज्बुल्ला के लड़ाके इजरायली इलाके में रॉकेट बरसा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान, हिज्बुल्ला, हूती तीनों मिलकर इजरायल पर एक साथ मिसाइल, रॉकेट और विस्फोटक ड्रोन से हमला बोल सकते हैं। इस खतरे को देखते हुए इजरायल भी नागरिकों से बम शेल्टर को साफ करने और सभी जरूरी सामान रखने के लिए कहा गया है। वहीं इस बड़े खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने इजरायल और लेबनान में रह रहे भारतीय लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है। दरअसल, इन 3 तीनों ही देशों में कुल मिलाकर 40 हजार भारतीय रहते हैं जो वहां नौकरी या पढ़ाई कर रहे हैं।
दिल्ली से लेकर इजरायल तक भारत अलर्ट
यही नहीं भारत में सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों को इजरायली नागरिकों और यहूदियों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इजरायल की राजधानी तेलअवीव में अमेरिका के दूतावास को भी ड्रोन से निशाना बनाया गया था। इस हमले में 1 आम नागरिक की मौत हो गई थी। साल 2021 में इजरायल के नई दिल्ली स्थित दूतावास के पास क्रूड बम का एक विस्फोट हुआ था। 26 दिसंबर 2023 को इजरायली दूतावास के पास एक और धमाका हुआ था। इन हमलों के पीछे ईरानी गुटों पर आशंका जताई गई थी लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई थी।
मिडिल ईस्ट में अमेरिका कर रहा हथियारों की तैनाती
पिछले हफ्ते मिडिल ईस्ट में क्षेत्रीय तनाव बढ़ने के बाद पेंटागन ने शुक्रवार को ऐलान किया कि अमेरिका मध्य पूर्व में एक अतिरिक्त लड़ाकू स्क्वाड्रन तैनात कर रहा है. साथ ही ऐलान किया गया है कि इजराइल की रक्षा और अमेरिकी सेना की सुरक्षा में मदद के लिए अतिरिक्त क्रूजर और विध्वंसक जहाज की भी तैनाती किया जाएगा. पेंटागन के प्रवक्ता ने कहा कि यूएसएस अब्राहम लिंकन विमानवाहक पोत मध्य पूर्व में यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट की जगह लेगा.
हिज्बुल्लाह ने भी दी है अटैक की चेतावनी
यूएन में ईरान के स्थायी मिशन ने चेतावनी दी है कि मंगलवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के एक टॉप कमांडर फुआद शुक्र की हत्या के जवाब में समूह इजरायल के अंदर "और बड़े और गहरे" नागरिक और सैन्य ठिकानों पर हमला कर सकता है. यह अभी स्पष्ट नहीं है कि क्या हिजबुल्लाह फिर से ईरान और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों द्वारा इजरायल पर एक साथ किए जाने वाले जवाबी हमले का हिस्सा होगा, या फिर वह अपना अलग हमला करेगा.
कितना ताकतवर है हिज्बुल्लाह?
माना जाता है कि हिजबुल्लाह के पास 150,000 मिसाइलों और रॉकेटों का भंडार है, जिनमें से कुछ लंबी दूरी तक मार करने वाली हैं. मसलन, अगर इतनी बड़ी संख्या में मिसाइलें छोड़ी जाती हैं तो इजरायल के आयरन डोम के लिए इसे इंटरसेप्ट करना मुश्किल हो जाएगा. लंबी दूरी की मिसाइलें इजरायल के अंदर ठिकानों को निशाना बनाने में कारगर है. इजरायली सेना, जो कि फिलहाल गाजा में है, ने दक्षिण और उत्तर में एक साथ दो मोर्चे पर जंग लड़ने में सक्षम नहीं होगी.