राष्ट्रपति बाइडेन ने बेंजामिन नेतन्याहू से हानिया के मामले को लेकर नाराजगी जताई

तेलअवीव ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या के बाद, पश्चिमी एशिया में संषर्घ बढ़ने की आशंका है. हमास और ईरान दोनों ने टारगेटेड अटैक में हानिया की मौत के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, इजरायल ने न तो इस हमले की जिम्मेदारी ली है और […]

राष्ट्रपति बाइडेन ने बेंजामिन नेतन्याहू से हानिया के मामले को लेकर नाराजगी जताई

तेलअवीव

ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या के बाद, पश्चिमी एशिया में संषर्घ बढ़ने की आशंका है. हमास और ईरान दोनों ने टारगेटेड अटैक में हानिया की मौत के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, इजरायल ने न तो इस हमले की जिम्मेदारी ली है और न ही इससे इनकार किया है. इस बीच खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से अपनी बातचीत में हानिया के मामले को लेकर नाराजगी जताई है.

चैनल 12 न्यूज ने बिना किसी आधिकारिक स्रोत का हवाला दिए अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'टेलीफोनिक कंवर्शेसन में बाइडेन ने चिढ़कर नेतन्याहू से कहा- आप मुझसे बकवास करना बंद कीजिए'. जो बाइडेन की यह टिप्पणी तब आई जब बेंजामिन नेतन्याहू ने उन्हें सूचित किया कि इजरायल हमास के साथ बंधकों के बदले युद्धविराम समझौते पर बातचीत को आगे बढ़ा रहा है और जल्द ही अपना एक प्रतिनिधिमंडल भेजेगा. चैनल 12 न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार बाइडेन ने यह कहकर नेतन्याहू के साथ अपनी बातचीत समाप्त की कि वह 'राष्ट्रपति को हल्के में न लें.'

इजरायल और ईरान के बीच युद्ध छिड़ने की आशंका

रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन द्वारा यह टिप्पणी ईरान और उसके द्वारा समर्थित संगठनों (हिजबुल्लाह और हूती) के साथ युद्ध की आशंका के बीच इजरायल-अमेरिका सहयोग के संदर्भ में की गई थी. बता दें कि पश्चिमी एशिया में पहले से जारी संघर्ष के और बढ़ने की आशंका है, क्योंकि ईरान और तेहरान समर्थित समूहों ने अपने कई नेताओं की हालिया हत्याओं का बदला लेने की कसम खाई है. बता दें कि राष्ट्रपति बाइडेन ने 13-14 अप्रैल की रात के दौरान इजरायल पर ईरान के अभूतपूर्व मिसाइल और ड्रोन हमले को विफल करने में सहायता के लिए क्षेत्रीय शक्तियों को एकजुट किया था.

द टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को नेतन्याहू के साथ बाइडेन की फोन पर हुई बातचीत के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया. इसमें कहा गया, 'प्रधानमंत्री अमेरिकी राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करते हैं और जो भी राष्ट्रपति चुना जाएगा, उसके साथ काम करेंगे. साथ ही वह अमेरिकियों से भी अपेक्षा करते हैं कि वे इजरायल के मामलों में हस्तक्षेप न करें.' एक वरिष्ठ इजरायली अधिकारी ने द टेलीग्राफ को बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर होने के फैसले के बाद, बेंजामिन नेतन्याहू ईरान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए उत्साहित महसूस कर रहे हैं.

अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आगामी चुनाव की दौड़ में बने रहने के दौरान बेंजामिन नेतन्याहू के निर्णयों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे. द टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में अधिकारी के हवाले से कहा, 'बाइडेन ने नेतन्याहू से कहा था कि ईरान के हमलों पर बहुत कठोर प्रतिक्रिया न दें. और ईरान यह जानता था, यही कारण है कि उसने इजरायल पर हमला करने के लिए स्थिति का फायदा उठाया. लेकिन राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर होने के बाद जो बाइडेन अब वही करेंगे जो उन्हें सही लगता है.'

द टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में इजरायली अधिकारे के हवाले से कहा, 'अमेरिका का असली एजेंडा इजरायल का पूर्ण समर्थन करना है और उसने दशकों तक ऐसा किया है. नेतन्याहू यह जानते हैं, यही कारण है कि वह अधिक साहसी हो रहे हैं. उन्हें विश्वास है कि वह इजरायल के दुश्मनों पर हमला कर सकते हैं और उन्हें अब भी अमेरिका का पूरा समर्थन प्राप्त है. जो बाइडेन के दोबारा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला मध्य पूर्व में बड़ा गेम चेंजर साबिह होगा. क्योंकि ईरान उनके चुनाव अभियान का लाभ उठाने की योजना बना रहा था.'

इजरायल के समर्थन में अमेरिका ने तैनात किए जंगी जहाज

बता दें कि इजरायल 31 जुलाई को तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद ईरानी प्रतिक्रिया की तैयारी कर रहा है. देश भर में संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अस्पतालों में अतिरिक्त वार्ड खोले जा रहे हैं. इजरायल को आशंका है कि ईरान के साथ उसका युद्ध छिड़ सकता है. इसे देखते हुए अमेरिका ने हाल के दिनों में इजरायल के लिए अपना सैन्य समर्थन बढ़ा दिया है. ईरान और क्षेत्र में उसके द्वारा समर्थित संगठनों जैसे हिजबुल्लाह और हूती, की बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोनों से इजरायल का बचाव में मदद के लिए अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपने जंगी जहाज तैनात किए हैं.