बड़ोदिया में छोटी कालीसिंध नदी की पुलिया पर पिकअप वाहन चालक बाढ़ में फंस गया
उज्जैन माकड़ोन क्षेत्र के बड़ोदिया में छोटी कालीसिंध नदी की पुलिया पर दोपहर एक पिकअप वाहन चालक बाढ़ में फंस गया। पानी का तेज बहाव होने के कारण चालक वाहन के उपर चढ़ गया था। सूचना मिलने पर हाेमगार्ड जवानों ने चालक को बचाया। चालक वाहन में धनिया लेकर जयपुर जा रहा था। छोटी कालीसिंध […]
उज्जैन
माकड़ोन क्षेत्र के बड़ोदिया में छोटी कालीसिंध नदी की पुलिया पर दोपहर एक पिकअप वाहन चालक बाढ़ में फंस गया। पानी का तेज बहाव होने के कारण चालक वाहन के उपर चढ़ गया था। सूचना मिलने पर हाेमगार्ड जवानों ने चालक को बचाया। चालक वाहन में धनिया लेकर जयपुर जा रहा था।
छोटी कालीसिंध नदी पर बनी है पुलिया
होमगार्ड के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट संतोष कुमार जाट ने बताया कि माकड़ोन क्षेत्र के बड़ोदिया में छोटी कालीसिंध नदी पर पुलिया बनी हुई है। नदी में उफान के कारण पुलिया डूब गई थी। पानी का तेज बहाव होने के बाद भी महेंद्र पुत्र उमराव यादव उम्र 26 वर्ष निवासी ठिकरिया काेटपुतली जयपुर राजस्थान पुलिया से पिकअप वाहन लेकर गुजर रहा था।
लगातार बढ़ रहा था पानी
बीच पुलिया पर वाहन फंस गया था। पानी लगातार बढ़ रहा था। बहाव अधिक होने के कारण चालक महेंद्र अपनी जान बचाने के लिए वाहन के ऊपर चढ़ गया था।
ग्रामीणों ने इसकी सूचना होमगार्ड जवानों को दी थी। इस पर माकड़ोन डीआरसी के होमगार्ड जवानों ने रेस्क्यू अभियान चलाकर वाहन चालक महेंद्र को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
वाहन में महेंद्र के अतिरिक्त कोई और व्यक्ति सवार नहीं था। जवानों के साहस के कारण युवक की जान बच गई थी।
वाहन चालक महेंद्र ने बताया कि वह वाहन में धनिया लेकर जयपुर जा रहा था। मगर रास्ते में पानी में फंस गया।
उज्जैन जिले के माकड़ोन क्षेत्र के बड़ोदिया में छोटी कालीसिंध नदी पर पुलिया नदी में उफान के कारण डूब गई थी। पानी में फंसे वाहन चालक को सकुशल निकाल लिया गया
-संतोष कुमार जाट, डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड
हरियाली अमावस्या पर 65 जवानों की लगाई ड्यूटी
हरियाली अमावस्या के स्नान पर्व पर उज्जैन में देशभर से शिप्रा नदी में स्नान करने के लिए श्रद्धालु आते हैं। इनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट, सिद्ध आश्रम घाट सहित विभिन्न घाटों पर होमगार्ड व एसडीआरएफ के 65 अधिकारी, कर्मचारी एवं जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी। जवानों के पास मोटर बोट एवं आपदा उपकरण थे। रामघाट, केडी पैलेस, मंगलनाथ, त्रिवेणी एवं सिद्धवट घाट पर तीन शिफ्टों में ड्यूटी लगाई गई। बारिश में नदी के तेज बहाव होने से जवान गिरते पानी में छाता लेकर लाइफ जैकेट पहने मुस्तैदी से घाट पर निगरानी करते रहे।