सरकार दुग्ध उत्पादक किसानों को देगी प्रोत्साहन राशि, मंत्री का एलान-प्रदेश में बनेंगे 10 वन्य विहार
भोपाल मध्य प्रदेश सरकार दुग्ध उत्पादक किसानों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है। सरकार ने दुग्ध उत्पादक किसानों को प्रति लीटर दूध पर 5 रुपए प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव तैयार किया है। बता दें कि यह प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में पेश किया जा सकता है। इस योजना से सहकारी दुग्ध […]
भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार दुग्ध उत्पादक किसानों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है। सरकार ने दुग्ध उत्पादक किसानों को प्रति लीटर दूध पर 5 रुपए प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव तैयार किया है। बता दें कि यह प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में पेश किया जा सकता है। इस योजना से सहकारी दुग्ध समितियों से जुड़े उत्पादकों को विशेष रूप से फायदा मिलेगा। सरकार का यह कदम किसानों को प्रोत्साहित करने और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
गायों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
इसके अलावा, मध्य प्रदेश सरकार इस साल को गौरक्षा वर्ष के रूप में मना रही है, जिससे राज्य में गायों की सुरक्षा और देखभाल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस योजना के तहत, सरकार का उद्देश्य न केवल दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है, बल्कि गायों की देखभाल भी करना है।
पशुपालन मंत्री ने दिया बयान
इसे लेकर पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने हाल ही में एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि लोगों का गाय के प्रति भाव कम हो गया है। मंत्री के अनुसार, पालतू गायों को भी लोग सड़क पर छोड़ रहे हैं, जिससे सड़कों पर गायों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को गायों के महत्व और उनकी देखभाल के प्रति जागरूक करना आवश्यक है। सरकारी कोशिशों के बावजूद भी लोगों का सहयोग कम होता जा रहा है, जिससे स्थिति बिगड़ रही है। इस समस्या का समाधान के लिए प्रदेश में 10 वन्य विहार बनाए जाएंगे, जो 300 से 500 एकड़ के होंगे, ताकि वे सड़क पर न रहें और उनकी उचित देखभाल हो सके।
प्रतिदिन 10 लाख लीटर दुध संग्रहित होता है
पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा के अनुसार किसानों को सहायता देने में प्रतिवर्ष लगभग दो सौ करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा जाएगा। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से प्रतिदिन 10 लाख लीटर दूध संग्रहित किया जाता है। यही दूध प्रदेश के छह सहकारी दुग्ध संघों में पहुंचता है, यहां से प्रोसेसिंग के बाद यह दूध आम जनता तक अलग—अलग माध्यमों से बिक्री के लिए भेजा जाता है।
15 प्रतिशत दुग्ध उत्पादकों को मिलेगा लाभ
हालांकि, सरकार की इस योजना से प्रदेश के लगभग 15 प्रतिशत दुग्ध उत्पादकों को ही लाभ मिल पाएगा। कारण, इतने ही किसान दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों से जुड़े हैं। अधिकारियों के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं। इसके कारण राज्य सरकार वर्तमान वर्ष को गोरक्षा वर्ष के रूप में मना रही है। इसी के चलते गोपालकों के लिए यह प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है।
ऐसे आया आइडिया
जनवरी महीने में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अहमदाबाद गए थे, वहां उन्होंने अमूल का दूध उत्पादन और मार्केटिंग का मॉडल देखा था। वहां से मुख्यमंत्री काफी प्रभावित हुए और मध्य प्रदेश में इसे लागू करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया था। मध्य प्रदेश सरकार जो मॉडल लागू करने जा रही है, वैसे मॉडल अन्य राज्यों में भी संचालित हो रहे हैं। राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र और असम में किसानों को पांच रुपये प्रति माह प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।