बांग्लादेश में जगह-जगह बवाल… चीफ जस्टिस और क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन के घर तोड़फोड़-आगजनी

ढाका शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी बांग्लादेश में हिंसा रुक नहीं रही है. अब उपद्रवी अल्पसंख्यक हिंदुओं, शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग के समर्थकों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहे हैं. सोमवार को जेसोर में एक होटल में उपद्रवियों ने आग लगा दी, […]

बांग्लादेश में जगह-जगह बवाल… चीफ जस्टिस और क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन के घर तोड़फोड़-आगजनी

ढाका

शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी बांग्लादेश में हिंसा रुक नहीं रही है. अब उपद्रवी अल्पसंख्यक हिंदुओं, शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग के समर्थकों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहे हैं. सोमवार को जेसोर में एक होटल में उपद्रवियों ने आग लगा दी, जिसमें आठ लोगों की जलकर मौत हो गई और 84 अन्य घायल हो गए.

जिस होटल में आगजनी हुई वह आवामी लीग के नेता शाहीन चकलादार का है. चकलादार जेसोर जिले के आवामी लीग महासचिव हैं. डिप्टी कमिश्नर अबरारुल इस्लाम ने आगजनी की खबर की पुष्टि की. मृतकों में से दो की पहचान 20 वर्षीय चयन और 19 वर्षीय सेजन हुसैन के रूप में हुई है. जशोर जनरल अस्पताल के एक कर्मचारी हारुन-या-रशीद ने बताया कि कम से कम 84 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिनमें से अधिकांश छात्र हैं.

बांग्लादेश के 27 जिलों में हिंदुओं को बनाया निशाना

बांग्लादेश के प्रमुख अखबार डेली स्टार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं. कल कम से कम 27 जिलों में भीड़ द्वारा हिंदू घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया, जबकि उनका कीमती सामान भी लूट लिया गया. उपद्रवियों ने लालमोनिरहाट के तेलीपारा गांव में पूजा उद्जापन परिषद के सचिव प्रदीप चंद्र रॉय के घर में तोड़फोड़ और लूटपाट की. उन्होंने थाना रोड पर जिले के पूजा उद्जापन परिषद के नगर पालिका सदस्य मुहिन रॉय की एक कंप्यूटर दुकान में भी तोड़फोड़ और लूटपाट की. इसके अलावा, जिले के कालीगंज उपजिला के चंद्रपुर गांव में चार हिंदू परिवारों के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई.

उपद्रवियों का जेल पर धावा, 500 कैदियों को छुड़ाया

बांग्लादेश के शेरपुर जिला जेल में उपद्रवियों ने धावा बोल दिया और करीब 500 कैदियों को जेल से भगाने में मदद की. सोमवार को कर्फ्यू के बीच लाठी-डंडों और हथियारों से लैस स्थानीय भीड़ ने जुलूस निकाला. इस दौरान भीड़ ने शहर के दमदमा-कालीगंज इलाके में स्थित डिस्ट्रिक्ट जेल पर धावा बोल दिया. उपद्रवियों ने जेल का गेट तोड़ दिया और आग लगा दी.

उपद्रवियों ने क्रिकेटर मशरफे मुर्तजा का घर जलाया

उपद्रवियों ने अवामी लीग के सांसद काजी नबील के आवास पर भी तोड़फोड़ की और आग लगा दी. बांग्लादेश क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मशरफे मुर्तजा के घर को भी आग के हवाले कर दिया गया. बता दें कि मुर्तजा आवामी लीग के नेता हैं. उन्होंने जनवरी में हुए आम चुनावों में शेख हसीना की पार्टी से चुनाव लड़ा था और संसद सदस्य बने थे. राजधानी ढाका में विभिन्न स्थानों पर हजारों लोग प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे का जश्न मनाते देखे गए. जश्न के दौरान कुछ लोगों ने चित्तरमोर इलाके में जाबिर होटल में आग लगा दी और उसके फर्नीचर को तोड़-फोड़ दिया. इसके अतिरिक्त, जिला अवामी लीग कार्यालय और शरशा और बेनापोल क्षेत्रों में तीन और अवामी लीग नेताओं के घरों पर उपद्रवियों द्वारा हमला किया गया.

बांग्लादेश में 4 अगस्त को मारे गए थे 98 प्रदर्शनकारी

पुलिस ने 4 अगस्त को पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हजारों लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया. इस बल प्रयोग में कम से कम 98 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए. 4 अगस्त की यह हिंसा बांग्लादेश में सिविल अनरेस्ट के हालिया इतिहास में सबसे घातक दिनों में से एक है. इससे पहले गत 19 जुलाई को 67 लोगों की मौत हो गई थी, जब छात्रों ने सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.

उपद्रवियों ने बांग्लादेश के पीएम आवास में की लूटपाट

इससे पहले 5 अगस्त को बांग्लादेश में बिगड़ते हालातों के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ने पर मजबूर हुईं. फिलहाल सेना ने बांग्लादेश में शासन संभाला है और अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है. हसीना वायुसेना के विशेष विमान से भारत के हिंडन एयरबेस पहुंचीं. वह यहां एक सेफ हाउस में ठहरी हैं. हजारों उपद्रवियों की भीड़ ने 5 अगस्त को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास 'गणभवन' पर धावा बोल दिया और जमकर लूटपाट की.

पीएम आवास में जो भी मिला, उपद्र​वी अपने साथ उठा ले गए. कुछ किचन में मौजूद चीजें खाते दिखे, कुछ बेडरूम में सोये देखे गए. यहां तक की शेख हसीना और उनकी बेटी के कपड़े समेत अन्य सामान भी उपद्रवी लूट ले गए. इंटरनेट पर वायरल वीडियो में लोगों को प्रधानमंत्री आवास से सोफा, बकरी, खरगोश, मछली, कुर्सियां इत्यादि ले जाते देखा गया. ऐसी ही कुछ स्थिति अफगानिस्तान में देखने को मिली थी, जब तालिबान ने सत्ता पर कब्जा किया था. श्रीलंका में भी एक साल पहले आंदोलनकारी राष्ट्रपति आवास में घुस गए थे.

विवादित कोटा सिस्टम के खिलाफ शुरू हुआ था प्रोटेस्ट

कोटा सिस्टम के खिलाफ हाई कोर्ट के आदेश के बाद पिछले महीने के अंत में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन तब नाटकीय रूप से बढ़ गया जब देश के सबसे बड़े ढाका विश्वविद्यालय में आंदोलनकारी छात्रों की पुलिस और सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसक झड़प हो गई. इन विरोध प्रदर्शनों की जड़ें उस विवादास्पद कोटा सिस्टम में निहित हैं, जो पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों के लिए 30 प्रतिशत तक सरकारी नौकरियों को आरक्षित करता है. हालांकि, आंदोलन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में इस कोटा सिस्टम को खत्म करके 93 फीसदी भर्तियां मेरिट के आधार पर कर दीं और ​आरक्षण का दायरा सिर्फ 7 प्रतिशत तक सीमित कर दिया.

पीएम पद से इस्तीफा दिया और फिर हेलिकॉप्टर के जरिए भारत आ गईं। फिलहाल वह भारत में ही हैं और यहां से ब्रिटेन जाने की राह तक रही हैं। ब्रिटेन से राजनीतिक शरण की मंजूरी मिलने के बाद वह लंदन जाकर रहना चाहेंगी। इस तरह बांग्लादेश में मचे कोहराम से किसी तरह निकलकर शेख हसीना भारत आई हैं। इस बीच उनकी पार्टी अवामी लीग के नेताओं के घरों पर बांग्लादेश में हमले जारी हैं। हालात इतने विकट हैं कि ये नेता भागे-भागे घूम रहे हैं और जान बचाने के लिए भी लाले पड़ गए हैं।

अब इन नेताओं ने भी भारत से शरण देने की गुहार लगाई है। भारत ने 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा पर हाई अलर्ट कर दिया है और अतिरिक्त बल को तैनात किया है। इस बीच अवामी लीग के कई वरिष्ठ नेताओं, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और अन्य लोगों ने अपील की है कि भारत उन्हें जमीनी मार्ग से ही सीमा के अंदर जाने की परमिशन दे। हालात इतने विकट हैं कि शेख हसीना की पार्टी के सांसद और पूर्व क्रिकेटर मशरफे मुर्तजा का घर उपद्रवियों ने फूंक दिया। इसके अलावा एक मेयर का घर भी फूंका गया, जिसमें तीन लोग तो अंदर ही जिंदा जल गए। इसके चलते शेख हसीना सरकार का हिस्सा रहे नेताओं में खौफ का आलम है। ये नेता अब भारत से ही शरण की गुहार लगा रहे हैं।
कई नेताओं के पास वीजा नहीं, पर चाहते हैं भारत में एंट्री

मुश्किल यह है कि इनमें से कई नेताओं के पास वीजा और पासपोर्ट भी नहीं हैं, जिनके जरिए वे दिल्ली आ सकें। भारत के अवामी लीग के नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं। 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौर में भी भारत ने मदद की थी। उस आंदोलन का नेतृत्व शेख मुजीबुर रहमान ने किया था, जिन्हें बंगबंधु की उपाधि दी गई है। बांग्लादेशी नेताओं के सामने मुसीबत यह है कि ढाका का एयरपोर्ट बंद है और नियमित उड़ानें भी ठप हैं। ऐसे में इन लोगों के पास एक ही विकल्प है कि त्रिपुरा और बंगाल से लगती सीमाओं के जरिए भारत में एंट्री कर जाएं।

 

प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के सांसद मुर्तजा पर बांग्लादेश में कथित 'नरसंहार और छात्रों की सामूहिक गिरफ्तारी' पर उनकी चुप्पी के लिए अपना गुस्सा जाहिर किया है. घटना के बाद सामने आए विजुअल्स में प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके घर में तोड़फोड़ और आगजनी देखी गई.

मुर्तजा ने अलग-अलग फॉर्मेट्स में 117 मैचों में बांग्लादेश की कप्तानी की, जो उनके देश के लिए सबसे ज्यादा है. अपने लंबे क्रिकेट करियर के दौरान, उन्होंने 36 टेस्ट, 220 वनडे और 54 टी20 मैचों में 390 शानदार प्रदर्शन किया और 2,955 रन बनाए. रिटायरमेंट के बाद, उन्होंने 2018 में अपनी सियासी पारी शुरू की और शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग में शामिल हो गए. उन्होंने नरैल -2 निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के तौर पर फतह हासिल की.

चीफ जस्टिस के घर में लूटपाट

ढाका में बांग्लादेश के चीफ जस्टिस के घर में प्रदर्शनकारियों के द्वारा लूटपाट की गई. बांग्लादेश की पुलिस व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, सड़कों पर कोई पुलिस नहीं है. यहां तक ​​कि बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड के जवानों को भी वापस बुला लिया गया है और वे ड्यूटी पर नहीं हैं. बांग्लादेश की सड़कों पर केवल सेना के जवान ही तैनात हैं, लेकिन उनकी तादाद कम है.

बंगबंधु भवन में तोड़फोड़ और आगजनी

बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) के आधिकारिक निवास 'बंगबंधु भवन' में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई. यह ढाका के धानमंडी में स्थित ऐतिहासिक इमारत है, जिसका इस्तेमाल शेख मुजीबुर रहमान ने अपने निजी निवास के रूप में किया था.

दरअसल, अगस्त 1975 में शेख मुजीब की हत्या इसी घर में उनके परिवार के सदस्यों के साथ की गई थी. इस दौरान उनकी बेटी शेख हसीना बच गई थीं क्योंकि वह इस वारदात के दौरान विदेश में थीं. यह इमारत एक राष्ट्रीय धरोहर स्थल है और इसे बंगबंधु स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया है.