महाराष्ट्र में नहीं लगेगा मेरी लाडली बहन योजना पर ब्रेक, हाईकोर्ट ने यचिका की खारिज
मुंबई महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना पर ब्रेक नहीं लगेगा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली सरकार द्वारा महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने की योजना पर रोक लगाने से मना कर दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और अमित बोरकर की पीठ ने […]
मुंबई
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना पर ब्रेक नहीं लगेगा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली सरकार द्वारा महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने की योजना पर रोक लगाने से मना कर दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और अमित बोरकर की पीठ ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया। जिसमें सरकार की तरफ से घोषित की गई कुछ योजनाओं पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इनमें लाडली बहन योजना प्रमुख था। चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने पीआईएल को खारिज करते हुए कि सरकार का हर फैसला राजनीतिक हाेता है। बेंच ने कहा कि इस योजना के लिए जो धनराशि जारी कि गई है वह एक प्रक्रिया के तहत दी गई है।
हर फैसला राजनीतिक होता है: हाईकोर्ट
मुंबई के वाशी इलाके के एक निवासी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना के साथ मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजनाओं को चुनौती दी गई थी। पीआईएल में दलील दी गई थी कि राज्य सरकार इन योजनाओं से विधानसभा चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है, जबकि सरकार जनता से इकट्ठा किए गए धन का उपयोग सिर्फ विकास कार्यों के लिए कर सकती है। नकदी की वितरण को कोई तर्क नहीं है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार का हर फैसला राजनीतिक होता है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना को 1 जुलाई से लागू करने का ऐलान किया है। राज्य की महिलाओं के खाते में 15 अगस्त को पहली किस्त आ सकती है।
हाईकोर्ट की कठोर टिप्पणी
याचिकाकर्ता की इस दलील पर कि योजनाएं केवल कुछ कर वर्गों के व्यक्तियों को खुश करने के लिए हैं। इस पर अदालत ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 15 (धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध) राज्य को समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष प्रावधान करने की अनुमति देता है। अदालत ने इस तर्क को भी अस्वीकार कर दिया कि ये योजनाएं जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (भ्रष्ट आचरण) के तहत भ्रष्ट आचरण का गठन करती हैं, जिसमें कहा गया है कि ऐसी चुनौतियां चुनाव याचिका में की जानी चाहिए। महाराष्ट्र में लाडली बहन योजना के लिए सरकार को बड़ी संख्या में आवेदन मिले हैं। इस योजना के दायरे में करीब ड़ेढ करोड़ से ज्यादा महिलाओं के आने की उम्मीद है। सरकार ने योजना में आवेदन के 31 अगस्त की डेडलाइन तय की है।