तिरुपति बालाजी प्रसाद पर विवाद के बाद अब सलकनपुर देवी धाम के प्रसाद पर उठे सवाल, ट्रस्ट का चौंकाने वाला दावा

भोपाल विश्व प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी देव स्थान में बंटने वाले प्रसाद को लेकर पूरे देश में विवाद छिड़ा हुआ…

तिरुपति बालाजी प्रसाद पर विवाद के बाद अब सलकनपुर देवी धाम के प्रसाद पर उठे सवाल, ट्रस्ट का चौंकाने वाला दावा

भोपाल
विश्व प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी देव स्थान में बंटने वाले प्रसाद को लेकर पूरे देश में विवाद छिड़ा हुआ है. जिसके बाद देश के हर स्थान और हर मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद और उसके वितरण पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. इस विवाद के बीच जिले के ख्याति प्राप्त सलकनपुर देवीधाम में चढ़ने वाले प्रसाद को लेकर भी स्वयं ट्रस्ट अध्यक्ष ने न केवल सवाल खड़े किए, बल्कि यहां स्व सहायता समूह द्वारा संचालित प्रसाद विक्रेताओं को कांग्रेस सरकार में स्थापित दुकान होना बता दिया है. जबकि मंदिर से जुड़ी सभी प्रबंधन व्यवस्थाएं गठित करने का अधिकार ट्रस्ट के पास होता है.

सलकनपुर ट्रस्ट ने उठाए सवाल
तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलाने की पुष्टि होने का मामला लगातार चर्चाओं में बना है. इस घटना के सामने आने के बाद देशभर के मंदिरों में बंटने वाले प्रसाद और उसके वितरण पर जांच की बात की जा रही है. जिले में स्थित देवीधाम सलकनपुर में भी चढ़ने वाले प्रसाद को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है. दरअसल, खुद सलकनपुर ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने सवाल उठाते हुए कहा कि सलकनपुर मंदिर प्रांगण में बेचे जा रहे लड्डुओं से अजीब सी महक आती है. इसके संबंध में मंदिर समिति ने भक्तों से निवेदन करते हुए कहा कि मंदिर में बेचे जा रहे लड्डू बिल्कुल न खरीदें, इसकी गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं है.

मंदिर ट्रस्टी ने दिया आवेदन
इसको लेकर सलकनपुर मंदिर ट्रस्ट समिति ने जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह और एसपी मंयक अवस्थी को नवरात्रि से संबंधित बैठक में लिखित आवेदन देकर अवगत कराया. ट्रस्ट अध्यक्ष महेश उपाध्याय और ट्रस्ट समिति ने लिखित आवेदन देकर बताया है कि सलकनपुर मंदिर परिसर में मंदिर का मोनो लगाकर स्व सहायता समूह के जरिये प्रसाद के रूप में बेचे जा रहे लड्डुओं के गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं है. लड्डुओं में किस तरह की निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, इस पर किसी भी जांच लैब का कोई प्रमाणीकरण नहीं है. शिकायत में कहा गया है कि लड्डुओं से अजीब सी महक आती है. मंदिर समित ने भी लड्डू ने बेचने वालों को चेतावनी जारी की है.लड्डू बेचने वालों से समिति ने कहा है कि किसी भी बाहरी संस्था द्वारा मंदिर प्रांगण में मंदिर का मोनो लगाकर लड्डू बेचना प्रतिबंधित है. इसलिए मंदिर प्रांगण में लड्डू बेचना तत्काल बंद किया जाए, इसकी वजह यह है कि मंदिर का मोनो लगा होने के कारण खराब गुणवत्ता के लड्डू बेचना मंदिर की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ मामला है.

मंदिर समिति की भक्तों से अपील
मंदिर समिति ने लड्डू के रूप में प्रसाद खरीदने वाले सभी भक्तों से निवेदन किया है कि मंदिर के नाम पर बेचे जा रहे लड्डू बिल्कुल न खरीदें. इनकी शुद्धता की मंदिर प्रबंधन की कोई जवाबदेही नहीं है. मंदिर ट्रस्ट समिति ने जिला कलेक्टर और एसपी से निवेदन किया है कि किसी तरह की खराब गुणवत्ता के कारण मंदिर की प्रतिष्ठा पर आंच आए, उससे पहले मंदिर प्रांगण में मंदिर का मोनो लगाकर बेचे जा रहे लड्डुओं के प्रसाद को प्रतिबंधित किया जाए.

समूह ने दी सफाई
दूसरी तरफ समूह की महिलाओं का कहना हमें मंदिर में हमारे भैया और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही बैठाया था. दुकान भी उन्हीं ने खुलवाई थी लेकिन अभी हमें मौखिक बोला गया है और हमारी दुकान बंद है.