कांग्रेस पर भड़क गईं विनेश फोगाट की बहन बबीता, इन लोगों ने आपदा में अवसर ढूंढ लिया

नई दिल्ली भारत की दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट को ओलंपिक के गोल्ड मेडल मुकाबले में बुधवार को करारा झटका लगा था। उन्हें महज 100 ग्राम वजन अधिक होने के चलते बाहर कर दिया गया था। इसे लेकर तरह-तरह के दावे भी शुरू हो गए थे और राजनीतिक आरोपों का दौर भी चला। एक तरफ […]

कांग्रेस पर भड़क गईं विनेश फोगाट की बहन बबीता, इन लोगों ने आपदा में अवसर ढूंढ लिया

नई दिल्ली
भारत की दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट को ओलंपिक के गोल्ड मेडल मुकाबले में बुधवार को करारा झटका लगा था। उन्हें महज 100 ग्राम वजन अधिक होने के चलते बाहर कर दिया गया था। इसे लेकर तरह-तरह के दावे भी शुरू हो गए थे और राजनीतिक आरोपों का दौर भी चला। एक तरफ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी जैसे दलों ने इसे साजिश करार दिया तो वहीं भाजपा ने इस पर दुख जताया। खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर विनेश फोगाट को चैंपियनों का चैंपियन बताया था। वहीं कांग्रेस के भूपिंदर सिंह हुड्डा ने तो यहां तक कहा कि अगर हमारे पास एक राज्यसभा सीट होती तो विनेश तो भेज देते। इससे ज्यादा क्या सम्मान होगा।

हुड्डा की इस बात का उनके सांसद बेटे दीपेंदर सिंह हुड्डा ने समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि मैं हरियाणा के सभी दलों से आग्रह करूंगा कि वे एकमत होकर इस पर गंभीरता से विचार करें। वहीं इस पोस्ट पर विनेश फोगाट की चचेरी बहन ने हुड्डा फैमिली पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आप लोग आपदा में राजनीतिक अवसर तलाश रहे हैं। बबीता फोगाट ने एक्स पर लिखा, 'आपदा में राजनीतिक अवसर ढूंढना कोई कांग्रेस से सीखे!एक ओर देश व विनेश ओलंपिक में अयोग्य घोषित होने के सदमे से उभर नहीं पा रहा है। दूसरी ओर दीपेंद्र जी आप और आपके पिता जी ने विनेश की हार के ऊपर राजनीति करना शुरू कर दिया है।'

इसके आगे बबीता फोगाट लिखती हैं, 'विनेश चैंपियनों की चैंपियन है और कांग्रेस पार्टी राजनीति का चैंपियन जिन्हे खिलाड़ियों के दर्द से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। यह बहुत ही शर्मनाक और चिंताजनक है।' बबीता फोगाट 2019 में भाजपा में शामिल हो गई थीं और उन्होंने विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें हार मिली थी। बबीता फोगाट के पिता महावीर सिंह फोगाट भी उनके साथ भाजपा में शामिल हुए थे। गौरतलब है कि विनेश फोगाट कुछ महीने पहले हुए पहलवानों के आंदोलन में शामिल थीं, जो कुश्ती महासंघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हुआ था। इसी के चलते उन्हें लेकर राजनीति भी होती रही है।