बांग्लादेश में जिन छात्र ने की आंदोलन की अगुआई, वे बन गए मंत्री, मिला ये पोर्टफोलियो

ढाका बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी. युनूस ने शुक्रवार को विभिन्न मंत्रालयों के कार्यभार का बंटवारा किया गया. गौर करने वाली बात ये है कि यूनुस ने 27 मंत्रालय या विभाग अपने पास रखे हैं. नई सरकार के विदेश मंत्री […]

बांग्लादेश में जिन छात्र ने की आंदोलन की अगुआई, वे बन गए मंत्री, मिला ये पोर्टफोलियो

ढाका

बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी. युनूस ने शुक्रवार को विभिन्न मंत्रालयों के कार्यभार का बंटवारा किया गया. गौर करने वाली बात ये है कि यूनुस ने 27 मंत्रालय या विभाग अपने पास रखे हैं. नई सरकार के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, "हमें बड़े देशों के साथ संबंधों में संतुलन बनाए रखने की जरूरत है."

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रो. मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को नवनियुक्त 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद के विभागों का बंटवारा कर दिया. यूनुस ने रक्षा, लोक प्रशासन, शिक्षा, ऊर्जा, खाद्य, जल संसाधन और सूचना जैसे  27 मंत्रालय अपने पास रखे हैं. राजनयिक मोहम्मद तौहीद हुसैन को विदेश मंत्रालय का प्रमुख नियुक्त किया है. अंतरिम कैबिनेट में शामिल किए दो छात्र नेताओं नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद को क्रमशः दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी तथा युवा और खेल मंत्रालयों का प्रभार दिया गया है.

नोबेल पुरस्कार विजेता 84 वर्षीय यूनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी. उन्होंने शेख हसीना की जगह ली है, जिन्होंने नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद देश छोड़ दिया था और भारत आ गईं थीं. यूनुस हसीना के लंबे समय से आलोचक भी हैं.

जानें किसको कौन सा मंत्रालय मिला 

1- ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन गृह मंत्रालय
2- फरीदा अख्तर मत्स्य पालन और पशुधन मंत्रालय
3- खालिद हुसैन धार्मिक मामलों का मंत्रालय
4- नूरजहां बेगम स्वास्थ्य मंत्रालय
5- शर्मीन मुर्शिद सामाजिक कल्याण मंत्रालय
6- सुप्रदीप चकमा अभी शपथ नहीं ली
7- प्रोफेसर बिधान रंजन रॉय अभी शपथ नहीं ली
8- तौहीद हुसैन विदेश मंत्रालय
9- मोहम्मद नज़रुल इस्लाम कानून मंत्री
10- आदिलुर रहमान खान उद्योग मंत्रालय
11- एएफ हसन आरिफ एलजीआरडी मंत्रालय
12- सईदा रिज़वाना हसन पर्यावरण मंत्रालय
13- नाहिद इस्लाम डाक, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
14- आसिफ महमूद युवा और खेल मंत्रालय
15- फारूक-ए-आजम अभी शपथ नहीं ली
16- सालेह उद्दीन अहमद वित्त मंत्रालय और योजना मंत्रालय

सलाहकार परिषद के तीन सदस्य राजधानी में अनुपस्थित होने के कारण गुरुवार रात शपथ नहीं ले सके, और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यूनुस उन्हें 27 विभागों में से कुछ सौंप सकते हैं.

सेवानिवृत्त सेना ब्रिगेडियर जनरल एम सखावत हुसैन को गृह मंत्रालय की देखरेख का काम सौंपा गया है. हुसैन 2001 से 2005 तक कोलकाता में बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त थे और 2006 से 2009 तक बांग्लादेश के विदेश सचिव के रूप में कार्यरत थे.

विदेश मामलों के सलाहकार हुसैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कानून और व्यवस्था बहाल करना फिलहाल अंतरिम सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है और पहला लक्ष्य हासिल होने के बाद अन्य काम भी पटरी पर आ जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश को सभी देशों के साथ अच्छे संबंध रखने की जरूरत है.

 हुसैन ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, "हमें बड़े देशों के साथ संबंधों में संतुलन बनाए रखने की जरूरत है." बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर सलाहुद्दीन अहमद वित्त और योजना मंत्रालयों के प्रभारी होंगे, जबकि पूर्व अटॉर्नी जनरल ए एफ हसन आरिफ स्थानीय सरकार मंत्रालय की देखरेख करेंगे.

कौन हैं मोहम्मद यूनुस?

बांग्लादेश के नए प्रमुख बने मोहम्मद यूनुस ऐसे 32वें शख्स बने हैं, जो नोबेल पुरस्कार जीत चुके हैं और अब राष्ट्र प्रमुख की जिम्मेदारी निभाएंगे. इससे पहले पूरी दुनिया में 31 लोग और हैं, जिन्हें नोबेल पुरस्कार भी मिला है और उन्होंने राष्ट्र प्रमुख की भूमिका भी निभाई है.

गरीबों के बैंकर के रूप में पहचाने जाने वाले यूनुस और उनके द्वारा स्थापित ग्रामीण बैंक को 2006 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला चुका है. उन्होंने गांव में रहने वाले गरीबों को 100 डॉलर से कम के छोटे-छोटे कर्ज दिलाकर लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद की थी. इन गरीबों को बड़े बैंकों से कोई मदद नहीं मिल पाती थी. उनके कर्ज देने के इस मॉडल ने दुनिया भर में ऐसी कई योजनाओं को प्रेरित किया. इसमें अमेरिका जैसे विकसित देश भी शामिल हैं. 

अमेरिका में यूनुस ने एक अलग गैर-लाभकारी संस्था ग्रामीण अमेरिका की भी शुरुआत की. 84 वर्षीय यूनुस जैसे-जैसे सफल होते गए उनका झुकाव राजनीति में करियर बनाने की ओर बढ़ता चला गया. उन्होंने 2007 में अपनी खुद की पार्टी भी बनाने की कोशिश की. लेकिन जब उनकी इस महत्वाकांक्षा ने बड़ा रूप लेना शुरू किया तब शेख हसीना नाराज हो गईं. हसीना ने यूनुस पर पर 'गरीबों का खून चूसने' का आरोप भी लगाया.