आम आदमी पार्टी में जश्न का माहौल, जेल से बाहर निकलते ही मनीष सिसोदिया ने कर दिया बड़े मिशन का ऐलान
नई दिल्ली दिल्ली शराब घोटाले में पिछले 17 महीनों से तिहाड़ जेल में बंद मनीष सिसोदिया आखिरकार जमानत पर बाहर आ गए हैं। इससे आम आदमी पार्टी में जश्न का माहौल है। दिल्ली में अगले 6 महीनों में विधावसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में मनीष सिसोदिया की रिहाई पार्टी के लिए संजीवनी मानी जा रही […]
नई दिल्ली
दिल्ली शराब घोटाले में पिछले 17 महीनों से तिहाड़ जेल में बंद मनीष सिसोदिया आखिरकार जमानत पर बाहर आ गए हैं। इससे आम आदमी पार्टी में जश्न का माहौल है। दिल्ली में अगले 6 महीनों में विधावसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में मनीष सिसोदिया की रिहाई पार्टी के लिए संजीवनी मानी जा रही है। इस बीच जेल से बाहर निकलते ही मनीष सिसोदिया ने बड़े मिशन का ऐलान कर दिया है।
उन्होंने शनिवार को आम आदमी पार्टी के कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबधित करते हुए इस मिशन का ऐलान किया। दरअसल उन्होंने दावा किया दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जमानत जब्त होगी। इसके लिए उन्होंने आप कार्यकर्ताओं को अभी से तैयारी करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, भाजपा को बताना चाहता हूं कि वोट ढूढते रह जाओगे, आज से ही हमे लगना होगा। दिल्ली के लोग हरियाणा के लोग ये लड़ाई सिर्फ आप की नहीं है ये लड़ाई सत्य और देश बचाने की लड़ाई है। तानाशाही से देश को बचाने की है।
उन्होंने आगे कहा, ये भाजपा वाले सिर्फ विपक्ष के नेताओ को परेशान नहीं कर रहे है। ये चंदे के धंधे में बड़े बड़े व्यापारियों को नोटिस भेजकर जेल भेज देते है। ये तानाशाही नहीं है तो क्या है। हमे इसके खिलाफ लड़ना है। इससे पहले गोपाल राय ने कहा था, मनीष सिसोदिया की जमानत अगले विधानसभा में भाजपा के जमानत जब्त होने की शुरुआत है। मनीष सिसोदिया की जमानत इस बात का एलान है कि तानाशाही कितना भी मजबूत हो वो पराजित होती है और सत्य की जीत दे र से ही सही लेकिन जीत मिलती है।
उधर मनीष सिसोदिया ने कहा, अब तो दुश्मन भी इस बात को मानने लगा है कि 6 महीने, 17 महीने इनके नेता जेल में रहते हैं लेकिन फिर भी टूटते नहीं हैं, ये किस मिट्टी से बने हैं। हम इसलिए नहीं टूटते क्योंकि हम उस मिट्टी से बने हैं, जिसमें भगत सिंह के पसीने की बूंद गिरी थी, जिस मिट्टी में महात्मा गांधी जी को गोली मारी गई थी। मैं दिल्ली-हरियाणा और पूरे देश के लोगों से कहना चाहता हूँ कि तानाशाह के ख़िलाफ़ लड़ाई एक-एक आम आदमी को लड़नी होगी।