बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने से खुश हुआ अल-कायदा, इस्लामिक शासन लागू करने की मांग
ढाका बांग्लादेश में अस्थिरता देखी जा रही है। शेख हसीना के जाते ही कट्टरपंथी और आतंकी संगठन एक्टिव हो गए हैं। बांग्लादेश में शेख हसीना कट्टरपंथियों और भारत विरोधी ताकतों पर लगाम लगाकर रखती थीं। लेकिन उनके इस्तीफे के बाद आतंकी संगठन अल-कायदा ने बयान दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक अल कायदा दक्षिण एशियाई ब्रांच […]
ढाका
बांग्लादेश में अस्थिरता देखी जा रही है। शेख हसीना के जाते ही कट्टरपंथी और आतंकी संगठन एक्टिव हो गए हैं। बांग्लादेश में शेख हसीना कट्टरपंथियों और भारत विरोधी ताकतों पर लगाम लगाकर रखती थीं। लेकिन उनके इस्तीफे के बाद आतंकी संगठन अल-कायदा ने बयान दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक अल कायदा दक्षिण एशियाई ब्रांच (AQIS) के चीफ ओसामा महमूद ने 12 पन्नों का संदेश दिया है। इसमें शेख हसीना सरकार गिरने की सराहना की गई। इसके अलावा धार्मिक कार्यकर्ताओं से देश में 'इस्लामिक शासन' स्थापित करने के प्रयासों में तेजी लाते हुए नई सरकार से बचने का आग्रह किया गया है।
अल कायदा के इस संदेश से साफ है कि बाहरी ताकतें पूरी तरह से बांग्लादेश पर कंट्रोल करने में लगी हैं। आतंकी संगठनों के लिए यह सबसे अच्छा मौका है। बांग्लादेश में पहले से ही कई संगठन हैं जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अल कायदा से जुड़े हुए हैं। ऐसे में अल कायदा की ओर से इस्लामिक शासन को लाने की बात कहना भारत के लिए टेंशन वाली बात है। बांग्लादेश में खालिदा जिया की बीएनपी सत्ता में आ सकती है। जिया के शासन में बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतें देखी गई थी। शेख हसीना भाग कर भारत आई हैं और बीएनपी ने दिखाया है कि वह इससे नाखुश है।
बांग्लादेश से जुड़े पोस्ट पर असम में गिरफ्तारी
बांग्लादेश में अशांति का समर्थन करने वाले असम का रिजुवान उल्ला मजरभुइया को एक सोशल मीडिया पोस्ट के कारण गिरफ्तार किया गया है। इसके अल-कायदा के संबंधओं की जांच चल रही है। असम की पुलिस ने आरोपी को हलियाकांडी जिले के रंगपुर में उसके घर से गिरफ्तार किया। उसने कथित तौर पर बंगाली में किए अपने पोस्ट में अशांति फैलाने की भविष्यवाणी की थी। रिजुवान का दावा है कि बांग्लादेश का प्रभाव जल्द ही असम में देखा जाएगा। उसके इस पोस्ट ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए।
'सभी देशों से संतुलन चाहता है बांग्लादेश'
बांग्लादेश की नवगठित अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को ‘बड़े देशों’ के साथ ढाका के संबंधों में ‘संतुलन’ बनाये रखने से जुड़ा बयान दिया। विदेश मामलों के सलाहकार एवं पूर्व विदेश सचिव मोहम्मद तौहीद हुसैन ने संवाददाताओं से कहा कि कानून एवं व्यवस्था बहाल करना इस समय अंतरिम सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है तथा पहला लक्ष्य हासिल करने के बाद अन्य कार्य भी हो जाएंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश को सभी देशों के साथ अच्छे संबंध रखने की जरूरत है।