प्रभावी और सुचारू व्यवस्थाओं के लिए नवाचार जरूरी – राज्यपाल पटेल
भोपाल राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने ऑन लाइन विश्वविद्यालय अवकाश प्रबंधन प्रणाली का राजभवन में शुभारम्भ किया। उन्होंने कुलगुरु के अवकाश प्रबंधन प्रणाली सॉफ्टवेयर को रिमोट का बटन दबाकर लाँच किया। राज्यपाल पटेल ने कहा कि व्यवस्थाओं को प्रभावी और सुचारू बनाने के लिए निरंतर नवाचार किए जाने चाहिए। उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्थाओं को पारदर्शी और सटीक […]
भोपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने ऑन लाइन विश्वविद्यालय अवकाश प्रबंधन प्रणाली का राजभवन में शुभारम्भ किया। उन्होंने कुलगुरु के अवकाश प्रबंधन प्रणाली सॉफ्टवेयर को रिमोट का बटन दबाकर लाँच किया। राज्यपाल पटेल ने कहा कि व्यवस्थाओं को प्रभावी और सुचारू बनाने के लिए निरंतर नवाचार किए जाने चाहिए। उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्थाओं को पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग किए जाने की जरूरत बताई है।राज्यपाल पटेल ने विश्वविद्यालयों के कुलगुरु से ऑन लाइन चर्चा भी कर सॉफ्टवेयर के संचालन और सुविधाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
राज्यपाल के प्रमुख सचिव मुकेश चंद गुप्ता ने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्थाओं के प्रभावी और व्यावसायिक संचालन के लिए अवकाश प्रबंधन प्रणाली महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने बताया कि अवकाश प्रबंधन प्रणाली के उपयोग से कागजी कार्रवाई में काफी कमी होगी। प्रशासनिक व्यवस्थाओं में लगने वाले समय की बचत होगी। अवकाश व्यवस्थाओं का प्रबंधन सरलता, पारदर्शिता और सटीक रूप से होगा। गुप्ता ने बताया कि प्रणाली में शेष अवकाश का विवरण स्वचालित रूप से अपडेट होता रहेगा। वास्तविक समय की जानकारी और अपडेट्स डैशबोर्ड पर निरंतर मिलते रहेंगे। डैशबोर्ड पर सिंगल क्लिक पर अवकाश हेतु कुल आवेदन, स्वीकृत आवेदन, लंबित आवेदन, अस्वीकृत आवेदन, प्रमुख सचिव को वापस भेजे गए आवेदन और कुलगुरू/कुलपति को वापस भेजे गए आवेदनों की स्थिति उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का कार्य राजभवन आई.टी. सेल के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड द्वारा किया गया।
राज्यपाल के अपर सचिव उमाशंकर भार्गव, विधि अधिकारी उमेश कुमार श्रीवास्तव, राजभवन आई.टी सेल के प्रभारी जितेंद्र पाराशर, संयुक्त संचालक मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड डॉ. धर्मेंद्र कोष्टा, प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्ण गोपाल त्रिपाठी अन्य अधिकारी उपस्थित थे। लोकार्पण कार्यक्रम में प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलगुरु ऑनलाइन शामिल हुए।