जीएसटी परिषद की बैठक नौ सितंबर को, दरों को तर्कसंगत बनाने पर होगी चर्चा

नई दिल्ली  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक नौ सितंबर को होगी।परिषद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक खाते पर लिखा, ‘‘जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक नौ सितंबर 2024 को नई दिल्ली में होगी।’’ केंद्र तथा राज्यों के वित्त मंत्रियों वाली जीएसटी परिषद, वस्तु एवं सेवा कर […]

जीएसटी परिषद की बैठक नौ सितंबर को, दरों को तर्कसंगत बनाने पर होगी चर्चा

नई दिल्ली
 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक नौ सितंबर को होगी।परिषद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक खाते पर लिखा, ‘‘जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक नौ सितंबर 2024 को नई दिल्ली में होगी।’’

केंद्र तथा राज्यों के वित्त मंत्रियों वाली जीएसटी परिषद, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के संबंध में सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। यह एक जुलाई 2017 से काम कर रही है।

बैठक में दरों को युक्तिसंगत बनाने, कर ‘स्लैब’ को कम करने के अलावा जीएसटी के तहत उलटा शुल्क हटाने पर चर्चा होने की उम्मीद है।

पिछली परिषद की बैठक 23 जून को हुई थी, जिसके बाद सीतारमण ने कहा था कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुमंत चौधरी के नेतृत्व में दरों को युक्तिसंगत बनाने पर गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) कार्य की स्थिति और समिति द्वारा ‘कवर’ किए गए पहलुओं तथा समिति के समक्ष लंबित कार्यों पर एक प्रस्तुति देगा।

फर्जी जीएसटी पंजीकरण के खिलाफ दूसरा अखिल भारतीय अभियान 16 अगस्त से होगा शुरू

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा है कि कर अधिकारी 16 अगस्त से फर्जी (माल एवं सेवा कर) जीएसटी पंजीकरण के खिलाफ दो महीने का विशेष अभियान शुरू करेंगे।

पहले, इस तरह का अभियान पिछले साल मई में चलाया गया था। इसमें 24,000 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध जीएसटी चोरी से जुड़े करीब 22,000 फर्जी पंजीकरणों का पता चला था।

वरिष्ठ केंद्र और राज्य कर अधिकारियों वाली राष्ट्रीय समन्वय समिति ने पिछले महीने विशेष अभियान शुरू करने का फैसला किया था।

विशेष अभियान के तहत, जीएसटी नेटवर्क, विश्लेषण एवं जोखिम प्रबंधन महानिदेशालय (डीजीएआरएम), सीबीआईसी के साथ समन्वय से विस्तृत डेटा विश्लेषिकी तथा जोखिम मापदंडों के आधार पर संदिग्ध/उच्च जोखिम वाले जीएसटीआईएन की पहचान करेगा। ऐसी जानकारी आगे के सत्यापन के लिए क्षेत्राधिकार वाले कर अधिकारी को दी जाएगी।

इसके बाद केंद्र तथा राज्य जीएसटी अधिकारी संदिग्ध जीएसटीआईएन (जीएसटी पहचान संख्या) का तय समय में सत्यापन करेंगे। अगर यह पाया गया कि जीएसटीआईएन फर्जी है या मौजूद ही नहीं है, तो कर अधिकारी पंजीकरण को निलंबित करने और रद्द करने तथा इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को रोकने की कार्रवाई शुरू करेंगे।

सीबीआईसी ने क्षेत्रीय कार्यालयों को जारी निर्देश में कहा, ‘‘सभी केंद्रीय तथा राज्य कर प्रशासनों द्वारा 16 अगस्त 2024 से 15 अक्टूबर 2024 तक दूसरा विशेष अखिल भारतीय अभियान शुरू किया जा सकता है, ताकि संदिग्ध/फर्जी जीएसटीआईएन का पता लगाया जा सके और इनको जीएसटी परिदृश्य से बाहर निकालने तथा सरकारी राजस्व की सुरक्षा के लिए अपेक्षित सत्यापन और आगे की सुधारात्मक कार्रवाई की जा सके।’’