शाजापुर जिला अस्पताल की नर्स को डिलीवरी केलिए 15,000 की वसूली के आरोप में निलंबित किया
शाजापुर जिला अस्पताल में पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर लक्ष्मी पंवार को निलंबित कर दिया गया है। लक्ष्मी पर ऑपरेशन से डिलीवरी के नाम पर 15000 रुपये की अवैध वसूली किए जाने का आरोप है। रुपए लेनदेन में सहयोग करने वाली आशा कार्यकर्ता को भी चेतावनी दी गई है। मामले की शिकायत पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग […]
शाजापुर
जिला अस्पताल में पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर लक्ष्मी पंवार को निलंबित कर दिया गया है। लक्ष्मी पर ऑपरेशन से डिलीवरी के नाम पर 15000 रुपये की अवैध वसूली किए जाने का आरोप है। रुपए लेनदेन में सहयोग करने वाली आशा कार्यकर्ता को भी चेतावनी दी गई है। मामले की शिकायत पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने ये बड़ी कार्रवाई की है।
कलेक्टर ने की कार्रवाई
सीएमएचओ डॉक्टर अजय साल्विया ने मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी दी। अजय ने बताया कि मामले में कलेक्टर ऋजु बाफना ने जिला अस्पताल शाजापुर में पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर लक्ष्मी पंवार को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधी में नर्सिंग ऑफिसर लक्ष्मी पंवार का मुख्यालय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालापीपल रहेगा।
आशा कार्यकर्ता को चेतावनी
गर्भवती महिला ममता बाई की डिलीवरी के लिए रुपए लेनदेन में सहयोग करने वाली आशा कार्यकर्ता सीताबाई को सीएमएचओ डॉ. अजय साल्विया द्वारा चेतावनी पत्र दिया गया है। इसी मामले की जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने शाजापुर बस स्टैंड स्थित हरिओम मेडिकल पर भी जांच की थी।
डिप्टी कलेक्टर के नेतृत्व में की गई जांच
शिकायत पर कार्रवाई के लिये डिप्टी कलेक्टर राजकुमार हलधर के नेतृत्व में जांच की गई। जांच में सामने आया कि ग्राम मूलीखेड़ा निवासी गोविन्द की पत्नी ममता बाई की डिलेवरी के लिये 15 हजार रुपये का लेन देन हुआ है।
जांच में सामने आया कि मेडिकल स्टोर में बने कक्षा में क्लीनिक संचालित किया जाता है। इसी मेडिकल पर नर्स लक्ष्मी पंवार बैठकर गर्भवती महिलाओं को परामर्श देती थी। जिसके चलते मेडिकल भी सील किया गया था। मामले में नर्स लक्ष्मी पंवार से भी स्पष्टीकरण लिया गया, किंतु यह संतोषजनक नहीं होने पर नर्स पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।
सात हजार नकद और आठ हजार ऑनलाइन लिये
मामले में शिकायतकर्ता भेरूलाल व उनके बेटे गोविंद (प्रसूता के पति) ने बताया कि लेनदेन की राशि में से सात हजार रुपये आशा कार्यकर्ता सीताबाई को नगद व आठ हजार रुपये आनलाइन भुगतान किए गए थे। ऑनलाइन किया गया भुगतान मामले की कार्रवाई में बड़ा सबूत रहा। इसके अलावा शिकायतकर्ता और आशा कार्यकर्ता द्वारा दिए गए बयान भी महत्वपूर्ण रहे।