केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा- विनाशकारी भूस्खलन और पुनर्वास पर एक रिपोर्ट जल्द ही केंद्र को सौंपी जाएगी

तिरुवनंतपुरम केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को कहा कि वायनाड में हुए विनाशकारी भूस्खलन और आवश्यक पुनर्वास पर एक रिपोर्ट जल्द ही केंद्र को सौंपी जाएगी। सीएम विजयन ने बयान में कहा, "वायनाड भूस्खलन पर एक पूरी रिपोर्ट तैयार करना चुनौतीपूर्ण काम है। इसमें नुकसान और कई अन्य चीजों का आकलन किया जाएगा। […]

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा- विनाशकारी भूस्खलन और पुनर्वास पर एक रिपोर्ट जल्द ही केंद्र को सौंपी जाएगी

तिरुवनंतपुरम
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को कहा कि वायनाड में हुए विनाशकारी भूस्खलन और आवश्यक पुनर्वास पर एक रिपोर्ट जल्द ही केंद्र को सौंपी जाएगी। सीएम विजयन ने बयान में कहा, "वायनाड भूस्खलन पर एक पूरी रिपोर्ट तैयार करना चुनौतीपूर्ण काम है। इसमें नुकसान और कई अन्य चीजों का आकलन किया जाएगा। साथ ही महत्वपूर्ण रूप से एक विस्तृत पुनर्वास पैकेज भी इसमें शामिल होगा, इसलिए थोड़ा समय लग रहा है।"

दरअसल, 30 जुलाई को वायनाड के चार गांवों में भारी भूस्खलन हुआ था। इस भूस्खलन में लगभग 416 लोग मारे गए और 128 लोग लापता हैं। सीएम विजयन ने बचाव अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बचाव अभियान बुधवार को भी जारी रहा। बचाव टीमें प्रभावित क्षेत्रों और चालियार नदी के किनारे लापता लोगों की तलाश कर रही हैं। 115 से अधिक राहत शिविरों में 11,000 से अधिक लोग रह रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत शिविरों में रह रहे प्रभावित लोगों को चरणबद्ध तरीके से पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। सीएम विजयन ने कहा, "हमने लगभग 100 सरकारी भवनों, 253 निजी घरों की पहचान की है, जहां पुनर्वास करना है, इसके किराए का भुगतान करना होगा और 100 घर मुफ्त हैं। सरकार ने परिवारों को हर महीने 6,000 रुपये देने का फैसला किया है।" मुआवजे के संबंध में, उन्होंने कहा कि आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को 6 लाख रुपये मिलेंगे और विकलांग लोगों को भी सर्टिफिकेट के आधार पर अतिरिक्त 75,000 रुपये और सामान्य मुआवजा मिलेगा।

सीएम विजयन ने कहा, "सभी प्रक्रिया पूरा होने के बाद लापता लोगों के आश्रितों को भी समान लाभ मिलेगा।” मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र जल्द से जल्द दिया जाएगा। वर्तमान में जॉन मथाई के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ समिति प्रभावित क्षेत्रों का अध्ययन कर रही है और उसने क्षेत्रों से मिट्टी और चट्टानों के नमूने भी इकट्ठा किए हैं।

उन्होंने कहा कि पालतू पशुओं के लिए दो शिविर स्थापित किए गए हैं और उन्हें भोजन और अन्य सभी सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने बड़े पैमाने पर भूस्खलन की श्रृंखला में अपना सब कुछ खो चुके लोगों के पुनर्वास के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता मांगी है। बता दें कि मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष राज्य की मांगों को भी रखा था।