राजस्थान-टोंक में जलभराव से 50 हजार हेक्टेयर फसल खराब, कृषि विभाग के पर्यवेक्षकों ने पेश की रिपोर्ट
टोंक/जयपुर. टोंक जिले में बारिश से हुए जलभराव के कारण 50 हजार हैक्टेयर फसलों को नुकसान हुआ है, जिसमें लगभग 30 प्रतिशत खराबा सामने आया है। सबसे ज्यादा खराबा मालपुरा, निवाई और पीपलू क्षेत्र में हुआ। फसल खराबे का जायजा लेने कल जयपुर से कृषि विभाग के अधिकारी खेतों में गए और खराबे की जानकारी […]
टोंक/जयपुर.
टोंक जिले में बारिश से हुए जलभराव के कारण 50 हजार हैक्टेयर फसलों को नुकसान हुआ है, जिसमें लगभग 30 प्रतिशत खराबा सामने आया है। सबसे ज्यादा खराबा मालपुरा, निवाई और पीपलू क्षेत्र में हुआ। फसल खराबे का जायजा लेने कल जयपुर से कृषि विभाग के अधिकारी खेतों में गए और खराबे की जानकारी ली। साथ ही अधिकारियों ने फसलों में कीट के प्रकोप को लेकर भी कृषि पर्यवेक्षक की सलाह से दवाई छिड़कने के लिए कहा।
गौरतलब है कि पिछले दिनों जिले में हुई अतिवृष्टि के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है। अभी भी खेतों में पानी भरा हुआ है। इसी को लेकर कृषि विभाग ने कृषि पर्यवेक्षकों को सर्वे करने का निर्देश दिया था। पर्यवेक्षकों की टीम ने यह सर्वे पूरा कर रिपोर्ट कृषि विभाग के जॉइंट डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह सोलंकी को सौंप दी। रिपोर्ट में 50 हजार हैक्टेयर में फसल खराबा सामने आया है। कृषि अधिकारी कजोड़मल गुर्जर ने बताया कि कृषि विभाग टोंक एवं कृषि विज्ञान केंद्र वनस्थली के वैज्ञानिकों की टीम ने मंगलवार को दूनी क्षेत्र में दूनी, संथली, बंधली, गांधी ग्राम आदि गांवों का दौरा कर फसलों का निरीक्षण किया एवं अतिवृष्टि से हुए जलभराव की निकासी करने का सुझाव दिया। कृषि विज्ञान केंद्र वनस्थली के इंचार्ज एवं कृषि वैज्ञानिक बंशीधर चौधरी ने बताया कि उड़द की फसल में पीत शिरा मोजेक रोग का प्रकोप दिखा है, जिसके लिए डायमिथोएट 30 ई सी का एक लीटर प्रति हैक्टैयर की दर से छिड़काव करने की सलाह दी है।