पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से किया संबोधित, कहा-देश भर में आक्रोश है, कोलकाता रेप कांड पर की इशारा
नई दिल्ली पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से लगातार 11वीं बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विकसित भारत का संकल्प दोहराया तो वहीं भारत की चिंताओं को भी रेखांकित किया। महिला सम्मान की बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने इशारों में ही कोलकाता में […]
नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से लगातार 11वीं बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विकसित भारत का संकल्प दोहराया तो वहीं भारत की चिंताओं को भी रेखांकित किया। महिला सम्मान की बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने इशारों में ही कोलकाता में एक डॉक्टर के रेप और मर्डर पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘माताओं और बहनों के खिलाफ जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके खिलाफ देश में आक्रोश है। इसे सभी राज्यों को गंभीरता से लेना होगा। ऐसे मामलों में जल्दी से जांच हो और राक्षसी कृत्य करने वालों को कड़ी सजा हो। महिलाओं पर जब बलात्कार और अत्याचार की खबरें आती हैं तो वह छाई रहती है। लेकिन जब दोषियों को सजा होती है तो वह खबर कोने में पड़ी रहती है। ऐसी खबरों को प्रमुखता देनी चाहिए ताकि अपराधियों में डर पैदा हो।’
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमारी सरकार ने महिलाओं के लिए बहुत प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि यदि हमें विकसित भारत बनना है तो महिलाओं के सम्मान और उनकी भागीदारी के बिना ऐसा करना संभव नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि आज आतंकियों के मन में डर पैदा हुआ है। उन्होंने कहा, कभी आतंकवादी मारकर चले जाते थे। अब देश की सेना एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक करती है। इससे देश के युवा गर्व से भर जाते हैं। सरकारी मशीनरी जब देश के सपने पूरे करने में जुट जाती है और नागरिक भी जनांदोलन के तौर पर जुड़ जाते हैं तो लक्ष्य हासिल होकर रहते हैं।'
ऐसा माहौल बन गया था कि जो है, उसमें गुजारा कर लो
उन्होंने कहा कि ऐसा माहौल बन गया था कि जो है, उसमें गुजारा कर लो। कहते थे कि अब कुछ होने वाला नहीं है। हमने उस माहौल को बदला है। कई लोग कहते थे कि भविष्य के लिए क्यों कुछ करें, हम आज का देखें। लेकिन देश का नागरिक ऐसा नहीं चाहता। वह सुधारों का इंतजार करता रहा। हमें जिम्मेदारी मिली तो फिर हमने सुधारों को जमीन पर उतारा। मैं देशवासियों को यकीन दिलाना चाहता हूं कि हम सुधारों के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। हमारी प्रक्रिया किसी मजबूरी में नहीं बल्कि मजबूती के लिए है।