लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सख्त संदेश, भारत में संविधान का शासन, भ्रष्टाचारियों का महिमामंडन ठीक नहीं
नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लगातार 11वीं बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने किसी नेता या किसी दल का नाम लिए बिना कहा, ''हमें नकारात्मक लोगों से बचना होगा। कुछ लोग देश का विकास […]
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लगातार 11वीं बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने किसी नेता या किसी दल का नाम लिए बिना कहा, ''हमें नकारात्मक लोगों से बचना होगा। कुछ लोग देश का विकास नहीं चाहते। विकृति तो विनाश और सर्वनाश का कारण बनती है।'' साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचारियों का महिमामंडन करने का आरोप लगाते हुए खूब हमला बोला।
पीएम मोदी ने कहा, ''क्या कोई कुछ सोच सकता है कि देश में संविधान का शासन है। इसके बाद भी कुछ ऐसे लोग निकल रहे हैं, जो भ्रष्टाचार का महिमामंडन कर रहे हैं। ऐसे लोग स्वस्थ समाज के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है और यह चिंता का विषय है। यदि किसी भ्रष्टाचारी का महिमामंडन होगा तो जो आज ऐसा नहीं करता है, वह भी ऐसे रास्ते पर जाने की सोचेगा।''
पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, ‘’हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं। जब तक खुदका भला न हो तब तक उन्हें किसी का भला अच्छा नहीं लगता। देश को ऐसे लोगों से बचना होगा। ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई तीव्र गति से जारी रहेगी।''
महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर उन्होंने कहा, ‘हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।'