जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का एलान होते ही फारूक अब्दुल्ला ने कहा- ‘अबकी बार उमर नहीं मैं लड़ूंगा चुनाव’
जम्मू-कश्मीर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का एलान हो चुका है। आज दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि केंद्रशासित प्रदेश में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होना है। पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर को होगा, दूसरे चरण का चुनाव 25 सितंबर तो तीसरे चरण का चुनाव 1 […]
जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का एलान हो चुका है। आज दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि केंद्रशासित प्रदेश में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होना है। पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर को होगा, दूसरे चरण का चुनाव 25 सितंबर तो तीसरे चरण का चुनाव 1 अक्टूबर को होगा। चुनाव की घोषणा के बाद से जम्मू-कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया सामने आई है।
फारूक अब्दुल्ला ने किया चुनाव लड़ने का एलान
चुनाव की तारीखों के एलान के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं ये चुनाव लड़ूंगा, उमर अब्दुल्ला चुनाव नहीं लड़ेंगे। जब राज्य का दर्जा मिल जाएगा तो मैं पद छोड़ दूंगा और उस सीट पर उमर अब्दुल्ला चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम राज्य का दर्जा चाहते हैं, न केवल एनसी बल्कि जम्मू-कश्मीर की सभी पार्टियां ऐसा चाहती हैं। यह भारत सरकार का वादा है कि पूर्ण राज्य का दर्जा होगा।
दस साल बाद प्रतिनिधि चुनने का मिलेगा मौका: गुलाम नबी आजाद
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम चुनावों की घोषणा का स्वागत करते हैं। मैं सरकार और चुनाव आयोग को धन्यवाद देता हूं। हमें उम्मीद है कि यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होगा। हमें यह भी उम्मीद है कि मतदाताओं, उम्मीदवारों और पार्टी नेताओं की सुरक्षा का ख्याल रखा जाएगा। फिलहाल जो बात अहम है वो ये कि लोगों को करीब 10 साल बाद अपना प्रतिनिधि चुनने का मौका मिल रहा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेता और पूर्व विधायक राजपोरा जी मोहिउद्दीन मीर ने कहा कि मैं चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए चुनाव आयोग को बधाई देता हूं अब हमें नौकरशाही शासन से राहत मिलेगी और यहां लोगों की सरकार स्थापित होगी।
देर आए दुरुस्त आए: उमर अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चुनाव की तारीखों के एलान के बाद कहा देर आए दुरुस्त आए, जम्मू-कश्मीर के लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 1987-88 के चुनावों के बाद शायद यह पहली बार है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कम समय में और कुछ ही चरणों में हो रहे हैं।