मप्र उच्च न्यायालय जबलपुर में ई-फाइलिंग और स्कैनिंग सेन्टर शुरू

भोपाल न्यायपालिका के डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण की दिशा में एक आगे बढ़ते हुए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में आज ई-फाइलिंग और स्कैनिंग सेन्टर का शुभारंभ हुआ। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री संजीव सचदेवा ने आज मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के माननीय न्यायाधीशों और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर के बार एसोसिएशनों […]

मप्र उच्च न्यायालय जबलपुर में ई-फाइलिंग और स्कैनिंग सेन्टर शुरू

भोपाल

न्यायपालिका के डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण की दिशा में एक आगे बढ़ते हुए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में आज ई-फाइलिंग और स्कैनिंग सेन्टर का शुभारंभ हुआ। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री संजीव सचदेवा ने आज मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के माननीय न्यायाधीशों और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर के बार एसोसिएशनों के पदाधिकारियों एवं अधिवक्ताओं की उपस्थिति में उच्च न्यायालय में ई-फाइलिंग और स्कैनिंग केंद्र का उद्घाटन किया।

स्कैनिंग सेन्टर की सुविधा से अधिवक्ता/वादी व्यक्तिगत रूप से नए मामले दाखिल करने के साथ-साथ लबित मामलों में आवेदन/उत्तर/प्रतिक्रिया/दस्तावेज/वकालतनामा आदि ई-फाइलिंग केंद्र से दाखिल कर सकेंगे।

ई-फाइलिंग सेन्टर में वे सभी सुविधाएं मौजूद हैं जो ऑनलाइन मामला दाखिल करने के लिए आवश्यक है। केंद्र में सहायक व्यक्ति या सुविधाकर्ता और स्कैनर जैसी विशेष सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। बैठने की उचित व्यवस्था की गई है। ई-फाइलिंग सेन्टर पूरी तरह से वातानुकूलित है। त्वरित ई-फाइलिंग के लिए वितीय लेनदेन हेतु त्वरित प्रतिक्रिया (क्यू, आर.) कोड प्रदान किया गया है।

मुकदमे की ई-फाइलिंग के संबंध में अधिवक्ताओं/वादियों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है. यदि मामला ई-फाइलिंग मोड्यूल द्वारा दायर किया जाता है। यदि प्रकरण में कोई कमी न हो तो इसे दाखिल करने की तिथि से तीसरे कार्य दिवस पर तत्काल सूचीबद्ध किया जाएगा। कमी होने की स्थिति में कमी को हटाने की तिथि से तीसरे कार्य दिवस में सूचीबद्ध किया जायेगा।

ई-फाइलिंग सेन्टर मध्यप्रदेश के उच्च न्यायालय में ई-फाइलिंग को अत्यधिक बढ़ावा देगा और इससे सरकारी खजाने का पैसा भी बचेगा जो पहले मामलों को स्कैन करने या डिजिटल बताने में खर्च होता था। इससे कागजी कार्रवाई भी कम होगी और यह पर्यावरण के अनुकूल पहल है।