विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद 24 घंटे के भीतर जननायक जनता पार्टी के चार विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दिया

चंडीगढ़ विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद 24 घंटे के भीतर जननायक जनता पार्टी के चार विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिए हैं। पूर्व राज्यमंत्री एवं उकलाना के विधायक अनूप धानक ने चुनाव की घोषणा होते ही शुक्रवार को जजपा छोड़ दी थी, जबकि शनिवार को पूर्व पंचायत मंत्री एवं टोहाना के विधायक देवेंद्र […]

विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद 24 घंटे के भीतर जननायक जनता पार्टी के चार विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दिया

चंडीगढ़
विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद 24 घंटे के भीतर जननायक जनता पार्टी के चार विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिए हैं। पूर्व राज्यमंत्री एवं उकलाना के विधायक अनूप धानक ने चुनाव की घोषणा होते ही शुक्रवार को जजपा छोड़ दी थी, जबकि शनिवार को पूर्व पंचायत मंत्री एवं टोहाना के विधायक देवेंद्र बबली, शाहबाद के विधायक रामकरण काला और गुहला चीका के विधायक चौधरी ईश्वर सिंह ने जजपा से इस्तीफा दे दिए। जजपा पूरी तरह से हाशिये पर आ गई है।

विधायकों ने मनोहर लाल से की थी मुलाकात
जजपा में अब दुष्यंत चौटाला तथा उनकी माता नैना चौटाला के अलावा विधायक अमरजीत ढांडा तथा विधायक रामकुमार गौतम बचे हैं। वह पहले ही दुष्यंत चौटाला के खिलाफ हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व सीएम मनोहर लाल से मिले भी थे, लेकिन खुलकर अभी किसी पार्टी में नहीं गए। हरियाणा में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद जननायक जनता पार्टी में भगदड़ मच गई थी। जजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह समेत कई नेताओं ने जजपा को अलविदा कह दिया था। अब यही स्थिति विधानसभा चुनाव से पहले बन गई है।

जजपा के पास थे दस विधायक
जजपा के 10 विधायक थे, जिनके सहारे भाजपा ने राज्य में साढ़े चार साल तक सरकार चलाई। यह विधायक वे थे, जिन्हें साल 2019 के विधानसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी पार्टियों के टिकट नहीं दिए थे और उनकी गिनती बागियों में की जाती थी, लेकिन तब जजपा ने इन नेताओं को टिकट देकर विधानसभा तक पहुंचाने का काम किया था। बीती 12 मार्च को भाजपा व जजपा का गठबंधन टूट गया था, जिसके बाद से जजपा लगातार बिखराव की तरफ बढ़ रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान जजपा विधायक जोगी राम सिहाग तथा राम निवास सुरजाखेड़ा खुलकर भाजपा के समर्थन में आ गए थे। हालांकि अभी इन दोनों ने पार्टी नहीं छोड़ी है।

दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई के लिए याचिका दर्ज
लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद जजपा द्वारा इन विधायकों के खिलाफ स्पीकर की अदालत में दल-बदल कानून के तहत सदस्यता रद करने को याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई जारी है। इन दोनों विधायकों के भी किसी भी समय जजपा छोड़ने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। पूर्व मंत्री अनूप धानक हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के सबसे करीबी विधायकों में से थे। धानक मंत्री होते हुए भी ज्यादातर समय दुष्यंत के साथ ही रहते थे। शनिवार को शाहबाद से विधायक रामकरण काला ने पार्टी से इस्तीफा दिया। रामकरण काला का बेटा पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुका है और काला कई माह से सक्रिय राजनीति से दूर होकर घर बैठे हुए थे। लेकिन कुछ दिन पहले ही उन्होंने शाहबाद से कांग्रेस के टिकट के लिए हरियाणा कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में आवेदन किया है।

देवेंद्र कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस कैंप में दिखे
काला के इस्तीफा देने के कुछ समय बाद टोहाना के विधायक एवं पूर्व विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने जजपा को अलविदा बोल दिया। देवेंद्र बबली लोकसभा चुनाव के दौरान कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस नेताओं के कैंप में दिखाई दिए। पिछले कुछ माह से बबली अपने स्तर पर ही राजनीति कर रहे थे। बबली के नए दल में शामिल होने को लेकर कांग्रेस तथा बीजेपी में से कोई भी आशान्वित नहीं है। बबली के इस्तीफे के कुछ समय बाद गुहला-चीका से विधायक ईश्वर सिंह ने भी जजपा छोड़ने का एलान कर दिया। ईश्वर सिंह पुराने कांग्रेसी रहे हैं और उनकी गिनती कुमारी सैलजा के करीबियों में होती रही है, लेकिन अब उन्हें हुड्डा कैंप में देखा जाता है। लोकसभा चुनाव के दौरान ईश्वर सिंह का बेटा कांग्रेस में शामिल हो चुका है।