भारत ने पोलैंड को अंजीर के रस की पहली खेप निर्यात की
नई दिल्ली भारत ने जीआई-टैग पुरंदर अंजीर से बने पहले रेडी-टू-ड्रिंक अंजीर जूस पोलैंड को निर्यात किया है। यह कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के सहयोग से भेजा गया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि भारत से कृषि उत्पादों के शिपमेंट को बढ़ाने की अपनी […]
नई दिल्ली
भारत ने जीआई-टैग पुरंदर अंजीर से बने पहले रेडी-टू-ड्रिंक अंजीर जूस पोलैंड को निर्यात किया है। यह कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के सहयोग से भेजा गया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि भारत से कृषि उत्पादों के शिपमेंट को बढ़ाने की अपनी पहल के तहत पोलैंड को अंजीर के रस की पहली खेप निर्यात की गई है। एपीडा ने पहले रेडी-टू-ड्रिंक अंजीर जूस के निर्यात की सुविधा प्रदान की है, जिसे जीआई-टैग वाले पुरंदर अंजीर से बनाया गया है। मंत्रालय ने बताया कि ये शिपमेंट वैश्विक बाजारों में भारतीय कृषि उत्पादों की क्षमता को दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग उस वस्तु को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, दूसरों द्वारा अनधिकृत उपयोग को रोकता है, और उत्पाद के निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करता है।
कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स घटकर 2,100 रुपये प्रति टन हुआ, नई दरें लागू
नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच घरेलू कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) में कटौती की है। सरकार ने विंडफॉल टैक्स को 4,600 रुपये प्रति टन से घटाकर 2,100 रुपये प्रति टन कर दिया है। हालांकि, पेट्रोल, डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) पर लगने वाले दर को शून्य पर बरकरार रखा है। नई दरें लागू हो गईं है।
सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को 4,600 रुपये प्रति टन से घटाकर 2,100 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। हालांकि, पेट्रोल, डीजल और एटीएफ पर लगने वाला अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) को शून्य पर यथावत रखा गया है। इससे पहले 1 अगस्त, 2024 को घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 7 हजार रुपये प्रति टन से घटाकर 4,600 रुपये प्रति टन किया गया था।
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों को देखते हुए 15 दिनों पर घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स की समीक्षा की जाती है। भारत सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर पहली बार जुलाई 2022 में विंडफॉल टैक्स लगाया गया था।