राजस्थान-दौसा के कांग्रेस सांसद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताया विरोध, संविधान के खिलाफ है एससी-एसटी का आरक्षण

दौसा. जिले के कांग्रेस सांसद मुरारीलाल मीणा ने सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले पर कहा है कि हम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हैं, उधर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा पहले ही कह चुके हैं सुप्रीम कोर्ट का फैसला अच्छा है और कोर्ट के फैसले के खिलाफ कोई आंदोलन नहीं होगा। इसी […]

राजस्थान-दौसा के कांग्रेस सांसद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताया विरोध, संविधान के खिलाफ है एससी-एसटी का आरक्षण

दौसा.

जिले के कांग्रेस सांसद मुरारीलाल मीणा ने सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले पर कहा है कि हम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हैं, उधर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा पहले ही कह चुके हैं सुप्रीम कोर्ट का फैसला अच्छा है और कोर्ट के फैसले के खिलाफ कोई आंदोलन नहीं होगा। इसी फैसले को लेकर एक अन्य भाजपा नेता विजय बैरवा ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को लेकर कोर्ट का फैसला एकदम सही है।

आरक्षण का फायदा अब उन लोगों को मिलना चाहिए, जो लोग अब तक आरक्षण का लाभ नहीं पाए हैं। कांग्रेस सांसद मुरारीलाल मीणा ने आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के खिलाफ है, संविधान की धाराओं के खिलाफ है, संविधान में एसटी-एससी के आरक्षण में किसी भी प्रकार का बदलाव केवल लोकसभा ही कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय में क्रीमी लेयर की कोई बात नहीं की गई है। इधर, दौसा के भाजपा जिला कोषाध्यक्ष एवं सरपंच विजय बैरवा का कहना है कि एससी-एसटी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो निर्णय लिया गया है इसका उद्देश्य आरक्षण का लाभ अंतिम छोर तक पहुंचना है। लोगों को इसे लेकर भ्रमित नहीं होना चाहिए, ना ही किसी बहकावे में आना चाहिए। माननीय सुप्रीम कोर्ट का नजरिया केवल इतना ही है कि आरक्षण का लाभ अंतिम छोर तक कैसे पहुंचे।

गौरतलब है कि कोर्ट द्वारा दिए गए आरक्षण के फैसले पर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का जो निर्णय आया है, इसका मतलब यह है कि जो लोग आरक्षण का लाभ ले चुके अब उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाकर उन लोगों को दिया जाए जिन लोगों ने आरक्षित वर्ग में आने के बाद भी आरक्षण का लाभ नहीं लिया है। अब बड़ा सवाल यह है कि कोर्ट के फैसले और उस पर नेताओं की प्रतिक्रिया के बाद आने वाले उपचुनावों में मतदाता किस तरफ जाता है?