छत्तीसगढ़-कोंडागांव में सर्च ऑपरेशन में दो IED बम किए डिफ्यूज, 40 जवानों की बच गई जान

कोंडागांव. कोंडागांव इलाके में सुरक्षाबलों की 29वीं वाहिनी आईटीबीपी और डीआरजी टीम ने आईईडी बम बरामद किया। जवानों ने यहां एक बड़ी नक्सली साजिश को नाकाम कर दिया है। आईटीबीपी ने दो आईईडी बरामद किए हैं। 29वीं वाहिनी, इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) और डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की संयुक्त टीम ने कोंडागांव जिले के अमदईघाटी-धनोरा-ओरछा […]

छत्तीसगढ़-कोंडागांव में सर्च ऑपरेशन में दो IED बम किए डिफ्यूज, 40 जवानों की बच गई जान

कोंडागांव.

कोंडागांव इलाके में सुरक्षाबलों की 29वीं वाहिनी आईटीबीपी और डीआरजी टीम ने आईईडी बम बरामद किया। जवानों ने यहां एक बड़ी नक्सली साजिश को नाकाम कर दिया है। आईटीबीपी ने दो आईईडी बरामद किए हैं। 29वीं वाहिनी, इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) और डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की संयुक्त टीम ने कोंडागांव जिले के अमदईघाटी-धनोरा-ओरछा एक्सिस में एक महत्वपूर्ण डिमाइनिंग ऑपरेशन चलाया था।

इस ऑपरेशन का नेतृत्व इंस्पेक्टर/जीडी राजकिशोर कर रहे थे। इसमें 40 कर्मियों की एक पार्टी शामिल थी। इस अभियान के दौरान, सिपाही/जीडी राम कैलाश को धनोरा से रैनार एक्सिस की ओर तलाशी के समय, सीओबी धनोरा से लगभग 1200 मीटर दूर एक मुरुम खदान के पास सड़क के बाईं ओर 20 मीटर की दूरी पर दो आईईडी मिले। तत्काल कार्रवाई करते हुए आईटीबीपी की बम निरोधक दस्ता (बीडीडीएस) टीम को बुलाया गया। जिसने सुरक्षित रूप से दोनों आईईडी को डिफ्यूज कर दिया। इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन में सेनानी महेंद्र प्रताप, द्वितीय कमान सैय्यद जावेद अली, और उप सेनानी ऑप्स सुशील कुकरेती की उपस्थिति और मार्गदर्शन ने अहम भूमिका निभाई। आईटीबीपी टीम की इस सफलता से नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों पर हमले की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। यह ऑपरेशन क्षेत्र में सुरक्षा बलों की सतर्कता और दक्षता का प्रमाण है।