छत्तीसगढ़-गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में शमशान के रास्ते पर अतिक्रमण, शव के अंतिम संस्कार को लेकर दो गुटों में मारपीट
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही. गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में शव के अंतिम संस्कार को लेकर एक गांव में विवाद हो गया। शमशान जाने वाले मार्ग में निजी भूमि होने की वजह से भूमि मालिक ने उसे बंद कर दिया है। भूमि मालिक ने शव यात्रा को अपनी भूमि से निकालने से भी मना कर दिया। इसको लेकर […]
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही.
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में शव के अंतिम संस्कार को लेकर एक गांव में विवाद हो गया। शमशान जाने वाले मार्ग में निजी भूमि होने की वजह से भूमि मालिक ने उसे बंद कर दिया है। भूमि मालिक ने शव यात्रा को अपनी भूमि से निकालने से भी मना कर दिया। इसको लेकर भूमि मालिक और गांव के दूसरे पक्ष के बीच विवाद हो गया।
दोनो पक्षों के बीच मारपीट हुई। चार घंटे तक शवयात्रा मार्ग अवरुद्ध होने की वजह से रुकी रही। गांव के लोग दीवार तोड़कर शव को शमशान लेकर पहुंचे, तब कहीं जाकर अंतिम संस्कार किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और कर मामले को संभाला। जानकारी के अनुसार, पेंड्रा थाना इलाके के अंडी गांव में शमशान भूमि जाने के मार्ग पर पड़ने वाले निजी भूमि स्वामी की हठधार्मित की वजह से विवाद हो गया। अंडी के रहने वाले दीपक गुप्ता की मौत रविवार हो गई थी, इसके बाद सोमवार को मृतक के परिजन शव यात्रा लेकर शमशान जाने के लिए निकले, इसी दौरान रास्ते में पढ़ने वाली भूमि मालिक ने अपनी भूमि से शव जाने से रोक दिया। शव रोकने के बाद दोनों परिवारों के बीच विवाद हो गया। शव यात्रा रुकने की खबर जैसे ही मृतक परिवार की महिलाओं को लगी तो सभी मौके पर आ गए। शव को शमशान ले जाने की मांग करने लगे, जबकि भूमि स्वामी किसी भी सूरत में अपनी जमीन से रास्ता ना देने की जिद पर अड़ा रहा।
इसी बात को लेकर दोनों पक्ष की महिलाओं के बीच मारपीट हो गई। इस विवाद में शव लगभग चार घंटे मौके पर ही पड़ा रहा। तनाव ग्रस्त माहौल में पुलिस को भी सूचना दी गई, पुलिस ने भी भूमि स्वामी को समझने की कोशिश की, पर वो भी निजी पुश्तैनी भूमि होने का हवाला देकर मार्ग न देने की जिद पर अड़ा रहा। इसी बीच पीड़ित परिवार ने शव यात्रा के रास्ते में आने वाली दीवार का लगभग छह फीट हिस्सा ढहा दिया और शव को लेकर शमशान पहुंच गए, पुलिस ने भी एहतियात भूमि स्वामी को हिरासत में ले लिया, ताकि मामले को शांत किया जा सके। मामले में सरपंच का कहना है कि हम पुरी परिवार को गांव की दूसरी जमीन देने को तैयार हैं, वहीं पुरी परिवार अपनी पुश्तैनी जमीन छोड़ने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है, यही विवाद की जड़ है।