प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी आलोक कुमार रंजन ने की खुदकुशी, हुई मौत

नई दिल्ली दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में तैनात एक अधिकारी आलोक कुमार रंजन ने मंगलवार शाम को आत्महत्या कर ली. आलोक कुमार रंजन का शव साहिबाबाद में रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं जानकारी मिलने के बाद ED […]

प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी आलोक कुमार रंजन ने की खुदकुशी, हुई मौत

नई दिल्ली

दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में तैनात एक अधिकारी आलोक कुमार रंजन ने मंगलवार शाम को आत्महत्या कर ली. आलोक कुमार रंजन का शव साहिबाबाद में रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं जानकारी मिलने के बाद ED के अधिकारी भी पहुंचे, लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था. आलोक कुमार रंजन एक कथित भ्रष्टाचार मामले में ED और CBI की जांच के दायरे में थे. जांच में नाम आने के बाद से ही वह काफी परेशान चल रहे थे.

इसी महीने सात अगस्त को ED के एक सहायक निदेशक संदीप सिंह को 50 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में CBI ने गिरफ्तार किया था. CBI से मुंबई के एक ज्वेलर ने शिकायत कर बताया था कि कुछ महीने पहले उसके यहां ED की रेड पड़ी थी. इस रेड के बाद ED ने उसके बेटे से पूछताछ की थी. चूंकि ED बेटे को गिरफ्तार कर सकती थी तो सहायक निदेशक संदीप सिंह ने बेटे को गिरफ्तार नहीं करने के एवज में 50 लाख रुपए की मांग की थी.

ज्वेलर से मांगी रिश्वत और फंस गए ED अधिकारी

ज्वेलर अपने बेटे को गिरफ्तारी से बचाने के लिए पैसे देने को भी तैयार हो गया, लेकिन उसने इसकी शिकायत CBI से भी कर दी. इसी महीने सात अगस्त को सहायक निदेशक संदीप सिंह को 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते दिल्ली के लाजपत नगर से CBI ने गिरफ्तार कर लिया. CBI ने संदीप सिंह के ऊपर FIR भी दर्ज कर ली. CBI ने बताया कि मुंबई में ज्वेलर के यहां जब ED ने रेड की थी, तब संदीप सिंह उस टीम का हिस्सा था.

जांच में आया आलोक कुमार रंजन का नाम

इसके बाद CBI ने जब घूस लेने को लेकर संदीप सिंह से पूछताछ शुरू की तो आलोक कुमार रंजन का नाम भी सामने आया. CBI ने अपनी FIR में आलोक रंजन के नाम का भी जिक्र किया. CBI की FIR में अपना नाम देख आलोक रंजन काफी परेशान रहने लगे. इसी बीच ED ने भी मामले में कार्रवाई करनी शुरू कर दी. पहले तो ED ने सहायक निदेशक संदीप शर्मा को सस्पेंड कर दिया, फिर CBI की FIR पर ही मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया.

गिरफ्तारी के डर से किया सुसाइड!

जानकारी के अनुसार, ED के सहायक निदेशक संदीप सिंह के साथ अपना नाम CBI की FIR में देख आलोक कुमार रंजन सदमे में थे. मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज हो गया था. संदीप सिंह की तरफ उन पर भी निलंबन की तलवार लटक रही थी. इसीलिए यह अंदेशा जताया जा रहा है कि अपने ऊपर कार्रवाई के डर से उन्होंने ट्रेन के आगे कूदकर जान दी होगी. हालांकि, अभी इस पर दिल्ली पुलिस की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुटी है.

कब ED में नियुक्त किया गया था संदीप सिंह?

ED के जिस अधिकारी संदीप सिंह के साथ आलोक कुमार रंजन का नाम भ्रष्टाचार के केस में सामने आया, वह पिछले साल मई महीने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में सहायक निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था. उस समय संदीप सिंह के अलावा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के तहत काम करने वाले 30 अन्य अधिकारियों को भी ED में शामिल किया गया था.