स्वच्छ ट्यूलिप इंटर्नशिप प्रोग्राम के अंतर्गत प्रशिक्षण
भोपाल स्वच्छ भारत मिशन शहरी के अंतर्गत स्वच्छता के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। स्वच्छता के क्षेत्र में लक्ष्यों को हासिल करने के लिये युवाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण माना गया है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में स्वच्छ ट्यूलिप इंटर्नशिप प्रोग्राम […]
भोपाल
स्वच्छ भारत मिशन शहरी के अंतर्गत स्वच्छता के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। स्वच्छता के क्षेत्र में लक्ष्यों को हासिल करने के लिये युवाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण माना गया है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में स्वच्छ ट्यूलिप इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। इस प्रोग्राम में छात्र-छात्राओं के साथ-साथ युवाओं को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम तय किया गया है।
प्रशिक्षण के लिये संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा आवेदन-पत्र आमंत्रित किये गये हैं। कार्यक्रम में इच्छुक आवेदक ट्यूलिप पोर्टल पर 31 अगस्त, 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। इसके लिये पंजीकरण आवेदन प्रक्रिया के लिये लिंक के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यह कार्यक्रम केन्द्र सरकार के शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा पूरे देश में शुरू किया गया है।
स्वच्छ विद्यालय अभियान
प्रदेश की शालाओं में स्वच्छता ढाँचे के विकास के लिये चाइल्ड केबिनेट नाम से गतिविधियाँ शुरू की गई हैं। इसके लिये शासकीय अंतर्विभागीय समन्वय समिति के माध्यम से गतिविधियाँ की जा रही हैं।
यूनिसेफ की तकनीकी एवं वित्तीय सहायता से स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार में पिछले वर्ष एक एवं एवं दो स्टार शालाओं को सहयोगी संस्थाओं के माध्यम से दर्शाए गये स्वच्छता अंकों के आधार पर तीन स्टार एवं उसके ऊपर अपग्रेड करने के लिये कार्य किया जा रहा है। पिछले वर्ष स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के तहत 47 हजार से अधिक शालाओं ने भाग लिया। केन्द्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा चयनित शाला को राष्ट्रीय स्तर का स्वच्छता पुरस्कार प्रदान किया गया।
ग्लोबल हैण्ड-वॉश दिवस
स्वच्छता गतिविधियों में एक लाख से अधिक शालाओं के 60 लाख से अधिक बच्चों ने भाग लिया। ग्लोबल हैण्ड-वॉश दिवस पर 15 अक्टूबर-2023 में 52 लाख से अधिक बच्चों ने हाथ धुलाई कार्यक्रम में भाग लिया। इस दिन बच्चों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। शालाओं में बच्चों को स्वच्छ पानी के उपयोग के बारे में भी लगातार समझाइश दी जा रही है।