Kalidas Samaroh इस साल अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में होगा, पोलैंड, जर्मनी, नेपाल सहित कई देशों के विद्वान शामिल होंगे

उज्जैन  देश का प्रतिष्ठापूर्ण सात दिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में होगा। पोलैंड, जर्मनी, नेपाल सहित कई देशों के विद्वान अपने व्याख्यान में महाकवि कालिदास की महिमा का गुणगान करेंगे। तैयारी के लिए स्थानीय समिति गठित कर दी गई है। अतिथि एवं कलाकारों के नाम तय करने के लिए 24 अगस्त […]

Kalidas Samaroh इस साल अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में होगा, पोलैंड, जर्मनी, नेपाल सहित कई देशों के विद्वान शामिल होंगे

उज्जैन
 देश का प्रतिष्ठापूर्ण सात दिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में होगा। पोलैंड, जर्मनी, नेपाल सहित कई देशों के विद्वान अपने व्याख्यान में महाकवि कालिदास की महिमा का गुणगान करेंगे। तैयारी के लिए स्थानीय समिति गठित कर दी गई है। अतिथि एवं कलाकारों के नाम तय करने के लिए 24 अगस्त को दोपहर 12.30 बजे से अभिरंग नाट्यगृह में समिति के साथ संस्कृति राज्यमंत्री ठाकुर धर्मेन्द्र सिंह लोधी की बैठक भी तय कर दी गई है।

80 दिन पहले स्‍थानीय समिति की बैठक
ऐसा पहली बार हुआ है जब समारोह के लिए स्थानीय समिति की बैठक 80 दिन पहले रखी है, ताकि समारोह में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को अतिथि बतौर आमंत्रित किया जा सके। प्रख्यात कलाकारों को प्रस्तुति के लिए अनुबंधित किया जा सके।

लोक संस्कृति एवं साहित्यिक उत्सव
मालूम हो कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह मध्यप्रदेश शासन की ओर से उज्जैन में सन् 1979 से हर वर्ष देव प्रबोधिनी एकादशी तिथि से किया जाने वाला सात दिवसीय लोक संस्कृति एवं साहित्यिक उत्सव है। इसमें महाकवि कालिदास की रचनाओं पर आधारित संस्कृत एवं हिंदी नाटकों का मंचन कराने, परिचर्चा, संगोष्ठी, व्याख्यानमाला, चित्र एवं मूर्तिकला प्रतियोगिता कराने और सृजनात्मक कला में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कलाकारों को राष्ट्रीय कालिदास पुरस्कार प्रदान करने की परंपरा है। देव प्रबोधिनी एकादशी तिथि को महाकवि कालिदास की जन्म तिथि माना गया है। इस वर्ष यह तिथि 12 नवंबर 2024 को है। यानी समारोह 12 से 18 नवंबर तक होगा।

स्थानीय समिति में 89 सदस्य, महिलाएं सिर्फ दो
स्थानीय समिति में 89 सदस्यों को शामिल किया गया है। इनमें महिलाएं सिर्फ दो ही शामिल हैं। पहली- साहित्यकार ममता बधेका, दूसरी- नृत्यांगना पलक पटवर्धन। संस्कृत विद्वान के रूप में ज्योतिषविद् पंडित आनंद शंकर व्यास, पद्मश्री डाॅ. भगवतीलाल राजपुरोहित, विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. बालकृष्ण शर्मा, विक्रम विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डाॅ. राजेश्वर शास्त्री मूसलगांवकर को शामिल किया है। साहित्यकारों की श्रेणी में डाॅ. शिव चौरसिया, दिनेश दिग्गज माया बधेका, डाॅ. रमण सोलंकी, दुर्गाशंकर रघुवंशी को शामिल किया है।

यह भी जानिये

    कालिदास समारोह के अंतर्गत लगने वाली राष्ट्रीय कालिदास चित्र एवं मूर्तिकला प्रतियोगिता-2023 के पुरस्कारों की घोषणा की जा चुकी है और 2024 की प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां तीन अक्टूबर तक आमंत्रित हैं।

    वर्ष 2023 की राष्ट्रीय कालिदास चित्र एवं मूर्तिकला प्रदर्शनी के लिए हुई प्रतियोगिता अंतर्गत 11 राज्यों (मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, गुजरात, नई दिल्ली, महाराष्ट्र एवं राजस्थान) के 139 कलाकारों से 168 चित्र और 24 मूर्तियां प्राप्त हुई थीं।

    निर्णायक मंडल ने 73 चित्र एवं 8 मूर्तियों का चयन प्रदर्शनी के लिए किया है।
    अखिल भारतीय कालिदास समारोह-2024 के समापन समारोह में 18 नवंबर को अतिथियों द्वारा प्रत्येक पुरस्कृत कलाकर को एक लाख रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।