जावेद अख्तर ने किया खुलासा: लिखने से तौबा करने वाले थे, सलीम खान ने रोका

हिंदी सिनेमा की मशूहर और आइकॉनिक जोड़ी रही जावेद अख्तर और सलीम खान की डॉक्यू सीरीज 'एंग्री यंग मैन' 20 अगस्त को ओटीटी पर रिलीज हो चुकी है, और इसे काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। 'शोले', 'दीवार' और 'जंजीर' जैसी कई हिट फिल्मों के डायलॉग लिखने वाले सलीम-जावेद की 22 फिल्में लगातार हिट रही […]

जावेद अख्तर ने किया खुलासा: लिखने से तौबा करने वाले थे, सलीम खान ने रोका

हिंदी सिनेमा की मशूहर और आइकॉनिक जोड़ी रही जावेद अख्तर और सलीम खान की डॉक्यू सीरीज 'एंग्री यंग मैन' 20 अगस्त को ओटीटी पर रिलीज हो चुकी है, और इसे काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। 'शोले', 'दीवार' और 'जंजीर' जैसी कई हिट फिल्मों के डायलॉग लिखने वाले सलीम-जावेद की 22 फिल्में लगातार हिट रही थीं। इस डॉक्यू सीरीज की रिलीज से पहले मेकर्स ने सलीम खान और जावेद अख्तर के साथ एक खास राउंडटेबल चैट रखी थी, जिसे फराह खान ने होस्ट किया। सलमान खान, फरहान और जोया अख्तर भी हिस्सा थीं। बातचीत के दौरान जावेद अख्तर और सलीम खान ने कई मजेदार और अनसुने किस्से शेयर किए। एक किस्सा सलमान का भी निकलकर आया कि वह डायरेक्टर और राइटर बनना चाहते थे।

Salim Khan और Javed Akhtar ने बताया कि उनकी पहली मुलाकात कहां हुई थी और कैसे बेरोजगारी उन्हें करीब ले आई थी। जिस फिल्म में सलीम खान हीरो थे, उस फिल्म के डायलॉग जावेद अख्तर ने लिखे थे। बातचीत में फिल्म 'जंजीर' से मिले बड़े ब्रेक के बारे में बात की गई, जिसमें अमिताभ बच्चन को 'एंग्री यंग मैन' के किरदार में पेश किया गया था। इस किरदार ने भारतीय सिनेमा को बदल दिया।

'सरहदी लुटेरा' में हीरो थे सलीम और जावेद लिख रहे थे डायलॉग

फराह खान ने सलीम और जावेद से पूछा कि उनकी पहली मुलाकात कैसे हुई थी। तो सलीम खान बोले, 'मैं एक फिल्म में काम कर रहा था 'सरहदी लुटेरा'। एस एम सागर प्रोड्यूस कर रहे थे, और मैं उस फिल्म का हीरो था।' वहीं जावेद अख्तर ने बताया कि वह सलीम खान से पहली बार एसएम सागर के मलाड स्थित घर में मिले थे। सलीम वहां ड्रॉइंग रूम में बैठे हुए थे। जावेद अख्तर ने बताया कि तब वह एसएम सागर के घर में ही रहते थे। वह उनकी फिल्मों के डायलॉग लिखते, बच्चों को खिलाते और कभी-कभी सब्जी भी ले आते थे।'

देखिए 'एंग्री यंग मैन' की राउंड टेबल चैट में सलीम-जावेद के खुलासे:

जावेद अख्तर 'सरहदी लुटेरा' में असिस्टेंट डायरेक्टर और डायलॉग राइटर थे। जावेद अख्तर ने वह वाकया भी बताया जब उन्होंने तंग आकर फैसला कर लिया था कि वह राइटर नहीं बनेंगे। जावेद ने कहा, 'जब मैंने सलीम साहब के साथ डायलॉग लिखे, और थोड़े ब्रिज के साथ भी लिखे थे, तो मैंने कसम खाली कि मैं कभी राइटर नहीं बनूंगा। परेशान कर देते हैं लोग। ये 'तो' लगाओ, यहां 'वो' लगाओ। यहां 'के' क्यों लगाया है, वहां 'क्यों' क्यूं कर दिया?…तो बहुत दिक्कत थी। लेकिन सलीम साहब एकमात्र इंसान थे, जिन्होंने मुझे रोका और समझाया कि ये गलती मत करना। तुम राइटर हो तुम्हें राइटर ही बनना चाहिए।'

जावेद अख्तर ने बताया कि वह और सलीम खान को पता भी नहीं था कि वो कभी पार्टनर बनेंगे। लेकिन उस वक्त दोनों ही बेरोजगार थे। वह एक दोस्त के घर के रहने लगे थे, और उस दोस्त का घर सलीम खान के घर के पास था। जावेद अख्तर का रहने का इंतजाम तो हो गया था, पर बाकी चीजें खुद संभालनी थीं। ऐसे में वह सलीम खान के घर जाते। वहां उन्हें रात का खाना अच्छा मिल जाता था। इस तरह जावेद अख्तर और सलीम खान अकसर मिलने लगे। वो समंदर किनारे बैठते और कहानियां डिस्कस करते। फिर एसएम सागर ने जावेद अख्तर और सलीम खान को साथ मिलकर एक स्क्रीनप्ले लिखने के लिए मनाया। तब जावेद अख्तर और सलीम खान ने कई फिल्मों के लिए स्क्रीनप्ले लिखा, पर उनके लिए क्रेडिट नहीं मिला। हालांकि, पैसे खूब मिल रहे थे।