नीट का जारी हुआ फाइनल रिजल्ट, 4.20 लाख अभ्यर्थियों के घटे 5-5 अंक
नई दिल्ली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा नीट का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। नये रिवाइज्ड रिजल्ट के बाद करीब चार लाख अभ्यर्थियों की रैंक बदल गई है। फीजिक्स के एक अस्पष्ट प्रश्न के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मेरिट लिस्ट में बदलाव की जरूरत पड़ी थी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान […]
नई दिल्ली
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा नीट का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। नये रिवाइज्ड रिजल्ट के बाद करीब चार लाख अभ्यर्थियों की रैंक बदल गई है। फीजिक्स के एक अस्पष्ट प्रश्न के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मेरिट लिस्ट में बदलाव की जरूरत पड़ी थी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 23 जुलाई को घोषणा की थी कि संशोधित परिणाम दो दिनों के भीतर जारी किए जाएंगे। पहले जारी किए गए रिजल्ट में 67 छात्रों ने टॉप रैंक प्राप्त की थी। हालांकि IIT-दिल्ली की एक विशेषज्ञ समिति के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने विवादित प्रश्न के लिए केवल एक सही विकल्प को स्वीकार करने का आदेश दिया। यह समायोजन लगभग 4.2 लाख छात्रों के अंकों को प्रभावित करेगा जिन्होंने पहले से स्वीकृत उत्तर चुना था, जिससे शीर्ष स्कोर करने वालों की संख्या 61 से घटकर अनुमानित 17 हो गई। बता दें कि नीट का संशोधित स्कोरकार्ड 2024 जारी होने के बाद काउंसलिंग प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। रिवाइज्ड स्कोर कार्ड जारी होने के बाद, मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) NEET-UG काउंसलिंग के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करेगी। यह प्रक्रिया पूरे भारत में MBBS और BDS कार्यक्रमों में प्रवेश निर्धारित करती है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को कहा था कि रिवाइज्ड रिजल्ट दो दिनों में यानी गुरुवार तक जारी हो जाएगा लेकिन इसमें एक दिन की देरी हुई। नीट यूजी के नए स्कोरकार्ड के आधार पर आज या कल से काउंसिलिंग शुरू हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भौतिकी में पूछे गये प्रश्न नंबर 19 का सही जवाब देने पर अब 13 लाख छात्र की रैंक बदल जाएगी। इसके कारण पूरी मेरिट लिस्ट बदल जाएगी। ऑल इंडिया रैंकिंग में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यहां तक कि कुल 720 में से 720 अंक पाने वाले 61 में से 44 छात्रों का अंक 715 रह जाएगा। नीट यूजी में 100 फीसदी अंक पाने वाले छात्रों की संख्या भी घट कर सिर्फ 17 रह जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कई छात्र देश के शीर्ष मेडिकल कॉलेज एम्स में दाखिले की दौड़ से कई टॉपर बाहर हो सकते हैं।