द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई देने के साथ पीएम मोदी ने समाप्त की ऐतिहासिक पोलैंड यात्रा

वारसॉ/नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पोलैंड की दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा पूरी की। यह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की 1979 की यात्रा के बाद 45 साल में किसी शीर्ष भारतीय नेता की पहली पोलैंड यात्रा है। पीएम मोदी ने अपने पोलिश समकक्ष डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा के साथ अलग-अलग […]

द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई देने के साथ पीएम मोदी ने समाप्त की ऐतिहासिक पोलैंड यात्रा

वारसॉ/नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पोलैंड की दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा पूरी की। यह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की 1979 की यात्रा के बाद 45 साल में किसी शीर्ष भारतीय नेता की पहली पोलैंड यात्रा है। पीएम मोदी ने अपने पोलिश समकक्ष डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा के साथ अलग-अलग बैठक की। इसके अलावा उन्होंने यहां उन प्रमुख स्थलों का भी दौरा किया, जो दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों की याद दिलाते हैं। पीएम मोदी ने पोलैंड की अपनी यात्रा को विशेष बताया और मध्य यूरोपीय राष्ट्र को भारत का “मूल्यवान मित्र” बताया।

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “मेरी पोलैंड यात्रा विशेष रही। दशकों बाद किसी भारतीय पीएम ने पोलैंड की धरती पर कदम रखा है। इस यात्रा ने एक मूल्यवान मित्र के साथ सहयोग को और गहरा करने का अवसर दिया। हम पोलैंड के साथ घनिष्ठ व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध की आशा करते हैं। हमारी मित्रता निश्चित रूप से एक बेहतर ग्रह के निर्माण में योगदान दे सकती है। मैं पोलैंड के लोगों और सरकार को उनकी गर्मजोशी के लिए धन्यवाद देता हूं।” विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि पीएम मोदी की पोलैंड यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर पोस्ट किया, “पीएम मोदी ने पोलैंड की अपनी सफल यात्रा पूरी की, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में एक नया मील का पत्थर स्थापित हुआ। चार दशकों के बाद भारतीय प्रधानमंत्री की यह उच्चस्तरीय यात्रा भारत-पोलैंड संबंधों को व्यापक और गहरा बनाएगी।”

पोलिश प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ वार्ता के बाद गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह भारत-पोलैंड संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन था क्योंकि पोलैंड में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की आखिरी यात्रा 1979 में हुई थी। दूसरी ओर, टस्क ने कहा कि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर पीएम मोदी की मेजबानी करना “बहुत बड़ा सौभाग्य” है। टस्क ने कहा कि पूरी दुनिया भारत की शासन व्यवस्था की निरंतर लोकतांत्रिक प्रकृति की प्रशंसा करती है, जो “दुनिया के उस हिस्से में आम नहीं है”। परस्पर सहयोग के लिए कई क्षेत्रों की पहचान करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पोलैंड खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी है और पोलिश कंपनियां भारत में स्थापित किए जा रहे मेगा फूड पार्कों में शामिल हो सकती हैं। उन्होंने पोलैंड की कंपनियों को ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

प्रधानमंत्री मोदी और पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा ने यहां बेलवेडर पैलेस में बैठक के दौरान खाद्य प्रसंस्करण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ऊर्जा और बुनियादी ढांचे सहित कई क्षेत्रों में भारत-पोलैंड साझेदारी को गहरा करने पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने बैठक के बाद बताया, “उन्होंने भारत-पोलैंड संबंधों को बढ़ाकर रणनीतिक साझेदारी में बदलने का स्वागत किया। उन्होंने यूक्रेन और पश्चिम एशिया में संघर्षों सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन गंगा के दौरान यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में पोलैंड की अमूल्य और समय पर सहायता के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।”

मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश नागरिकों के लिए अधिक लाभ सुनिश्चित करने के लिए एक सामाजिक सुरक्षा समझौते पर भी सहमत हुए हैं। बैठक के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, “भारत पोलैंड के साथ मधुर संबंधों को बहुत महत्व देता है। हम आने वाले समय में दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।” राष्ट्रपति डूडा के कार्यालय ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच चर्चा के प्रमुख विषयों में से एक यूक्रेन में चल रहे युद्ध और इसके वैश्विक परिणाम थे। पीएम मोदी ने वारसॉ में इंडोलॉजिस्ट से भी मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने एक्स पर बैठक का विवरण साझा किया।

उन्होंने लिखा, “प्रो. मारिया क्रिस्टोफर बायरस्की, प्रो. मोनिका ब्रोवार्स्की, प्रो. हलीना मार्लेविक्ज़, प्रो. डैनुता स्टैसिक और प्रो. प्रेज़ेमिस्लाव सुरेक से वारसॉ में मुलाकात की। ये प्रख्यात विद्वान और इंडोलॉजिस्ट भारतीय इतिहास और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहे हैं। हमने इंडोलॉजी को और व्यापक बनाने के तरीकों पर बात की। प्रतिष्ठित शिक्षाविदों ने पोलैंड और यूरोप में योग की बढ़ती लोकप्रियता पर भी खुशी जताई।” दिलचस्प बात यह है कि पीएम मोदी की वारसॉ यात्रा ने भारत और पोलैंड के बीच ‘खेल संबंधों’ पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “हम कबड्डी के खेल के माध्यम से भी जुड़े हुए हैं। यह खेल भारत के माध्यम से पोलैंड पहुंचा और उन्होंने इसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

पोलैंड पहली बार कबड्डी चैंपियनशिप की मेजबानी करने जा रहा है। मैं उनकी टीम को शुभकामनाएं देना चाहता हूं।” दोनों देशों के बीच खेल के संबंध को आगे बढ़ाने के लिए, पीएम मोदी ने पोलैंड की पुरुष और महिला कबड्डी टीमों के कप्तानों से भी मुलाकात की और एक्स पर बैठक की तस्वीरें साझा कीं। पीएम मोदी की वारसॉ यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक डोबरी महाराजा स्मारक, कोल्हापुर स्मारक और मोंटे कैसिनो की लड़ाई के स्मारक का उनका दौरा था – ये स्थल किसी भी राजनीतिक और कूटनीतिक तत्वों से परे भारत और पोलैंड के बीच ऐतिहासिक बंधन के इतिहास से रूबरू कराते हैं। डोबरी महाराजा स्मारक और कोल्हापुर स्मारक क्रमशः नवानगर के जामसाहेब और कोल्हापुर की तत्कालीन रियासत को श्रद्धांजलि के रूप में बनाए गए थे। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पोलिश शरणार्थियों को आश्रय प्रदान करने के लिए ये स्मारक बनाये गये थे।