देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की प्राइम प्रॉपर्टियों की कीमत में सबसे अधिक तेजी दर्ज, दुनिया में मिली दूसरी रैंक

मुंबई देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की प्राइम प्रॉपर्टियों की कीमत में अप्रैल-जून 2024 की अवधि में दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक तेजी दर्ज की गई। शुक्रवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में बताया गया कि रिहायशी प्रॉपर्टियों की मांग में बढ़ोतरी होने के कारण मुंबई […]

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की प्राइम प्रॉपर्टियों की कीमत में सबसे अधिक तेजी दर्ज, दुनिया में मिली दूसरी रैंक

मुंबई
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की प्राइम प्रॉपर्टियों की कीमत में अप्रैल-जून 2024 की अवधि में दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक तेजी दर्ज की गई। शुक्रवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में बताया गया कि रिहायशी प्रॉपर्टियों की मांग में बढ़ोतरी होने के कारण मुंबई में प्राइम प्रॉपर्टी की कीमतों में इजाफा देखने को मिला है। नाइट फ्रैंक की ओर से जारी किए गए डेटा में बताया गया है कि मुंबई में प्राइम रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमत में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जिसके कारण 'प्राइस ग्लोबल सिटीज इंडेक्स' में यह दूसरे नंबर पर आ गया है, जो 2023 में समान अवधि में यह छठे नंबर पर था।

नाइट फ्रैंक इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन शिशिर बैजल ने कहा कि प्रीमियम सेगमेंट में तेजी भारतीय बाजार में बिक्री बढ़ने की अहम वजह है। यह 2024 की दूसरी तिमाही में देखने को मिला है। आय बढ़ने और लाइफस्टाइल में बदलाव आने के कारण देश में प्राइम रेजिडेंशियल मार्केट तेजी से आगे बढ़ रहा है। 'प्राइम ग्लोबल सिटीज इंडेक्स' में दुनियाभर के 44 शहरों की प्राइम रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों को ट्रैक किया जाता है। रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 की दूसरी तिमाही में इन 44 शहरों में औसत कीमतों में बढ़ोतरी 2.6 प्रतिशत की थी, जो कि 2024 की पहली तिमाही में 4.1 प्रतिशत थी। यह लंबी अवधि के औसत 5.3 प्रतिशत से कम है। दूसरी तिमाही में मनीला 26 प्रतिशत की तेजी के साथ टॉप पर रहा है।

बैजल ने आगे कहा, "हमें लगता है कि आने वाले समय में यह तेजी जारी रहेगी, क्योकि आउटलुक मजबूत है।" नाइट फ्रैंक की ग्लोबल हेड लियाम बेली ने कहा कि भविष्य में कीमत में वृद्धि केंद्रीय बैंकों के हाथों में है। हमें विश्वास है कि अगले 12 महीने में ब्याज दरों में कमी देखने को मिलेगी।