इंदौर में अतिक्रमण हटाने गए कर्मचारी को युवती ने मार दिया चांटा, FIR हुई दर्ज
इंदौर मेघदूत चौपाटी पर अतिक्रमण हटाने गए अमले पर एक युवती ने हाथ उठा दिया। युवती ने आर्टिफिशियल ज्वेलरी की दुकान लगा रखी थी, जब अतिक्रमण अमला उसे हटाने लगा तो वह भड़क गई और कर्मचारी को चांटा मार दिया। देर रात तक हंगामा होता रहा। आखिर में पुलिस को युवती के विरुद्ध शासकीय कार्य […]
इंदौर
मेघदूत चौपाटी पर अतिक्रमण हटाने गए अमले पर एक युवती ने हाथ उठा दिया। युवती ने आर्टिफिशियल ज्वेलरी की दुकान लगा रखी थी, जब अतिक्रमण अमला उसे हटाने लगा तो वह भड़क गई और कर्मचारी को चांटा मार दिया। देर रात तक हंगामा होता रहा। आखिर में पुलिस को युवती के विरुद्ध शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में एफआइआर दर्ज करनी पड़ी।
विजयनगर पुलिस के मुताबिक फरियादी का नाम देवकरण यादव निवासी शांतिनगर छोटा बांगड़दा है। देवकरण नगर निगम के अतिक्रमण दल क्रमांक-9 में पदस्थ है। गुरुवार को अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक करमेंद्र जांगिड़, मनोहर गौर, राहुल गौर, अभिषेक यादव, महेंद्र चौहान आदि के साथ मेघदूत चौपाटी पर अतिक्रमण हटाने आया था।
कई लोगों ने चाट नाश्ता के ठेले, आर्टिफिशियल ज्वेलरी की दुकानें लगा कर रास्ता रोक रखा था। रिषिका अरगल ने भी ज्वेलरी की दुकान लगा ली थी। उसने निगमकर्मियों से हुज्जत की। देवकरण को चांटा मार दिया। एसआइ अनिल गौतम के मुताबिक देर रात अफसर थाने पहुंचे और रिषिका के खिलाफ केस दर्ज करवाया।
आरई-2 में बाधक 17 मकान हटाए
इंदौर: नगर निगम की टीम ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए आरई-2 में बाधक 17 मकानों को जमींदोज कर दिया। इस दौरान मामूली विवाद भी हुआ। करीब चार घंटे चली कार्रवाई के बाद आरई-2 का आइएसबीटी से नेमावर रोड तक का हिस्सा साफ हो गया है। आरई-2 से हटाए गए 35 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए फ्लैट में शिफ्ट किया है। अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी ने बताया कि आरई-2 में बाधक दो और बस्तियों को हटाया जाना है।
आपसी सहमति के प्रयास जारी हैं। सहायक रिमूवल अधिकारी बबलू कल्याणे ने बताया कि निगम ने शुक्रवार सुबह 10 बजे मकान हटाने की कार्रवाई शुरू की थी। कुछ लोगों ने विरोध भी किया। उनका कहना था कि वे वर्षों से यहां रह रहे हैं। हालांकि इन सभी को पीएम आवास में फ्लैट आवंटित किए जा चुके थे। बावजूद इसके ये लोग मकान खाली करने को तैयार नहीं थे। आपसी सहमति के बाद कार्रवाई की। उपायुक्त लता अग्रवाल व अधीक्षण यंत्री लोधी पूरे समय मौजूद रहे।