सिंगापुर के राष्ट्रपति और पीएम से मिले विदेश मंत्री जयशंकर सहित चार मंत्री, द्विपक्षीय रिश्तों पर की चर्चा
सिंगापुर सिटी. भारत-सिंगापुर के रिश्तों को मजबूत करने और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए सिंगापुर में भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन हुआ। इसमें भारत के चार केंद्रीय मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इससे पहले चारों केंद्रीय मंत्रियों ने सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम और प्रधान मंत्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के […]
सिंगापुर सिटी.
भारत-सिंगापुर के रिश्तों को मजबूत करने और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए सिंगापुर में भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन हुआ। इसमें भारत के चार केंद्रीय मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इससे पहले चारों केंद्रीय मंत्रियों ने सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम और प्रधान मंत्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात की।
इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई। भारत से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और रेल, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव द्विपक्षीय सहयोग और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा के लिए दूसरे भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (आईएसएमआर) में भाग लेने सिंगापुर गए हैं। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया कि बैठक के बाद सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन एस से संयुक्त रूप से मुलाकात करके सम्मानित हूं। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के तरीकों पर उनका मार्गदर्शन चाहेंगे।
इसके बाद उन्होंने सिंगापुर के प्रधानमंत्री वोंग से भी मुलाकात की। एस जयशंकर ने भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन में प्रधानमंत्री वोंग की निरंतर भागीदारी की सराहना की। गोलमेज सम्मेलन में चारों नेताओं ने अपने सिंगापुर समकक्षों के साथ सितंबर 2022 में नई दिल्ली में हुए सम्मेलन की प्रगति की समीक्षा की।
भारत-सिंगापुर के रिश्ते पहले से मजबूत
भारत और सिंगापुर के रिश्ते पहले से ही काफी मजबूत हैं। दोनों देश कई वैश्विक मंचों जैसे कि ईस्ट एशिया समिट, जी-20, कॉमनवेल्थ, इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन और इंडियन ओशन नेवल सिम्पोजियम के भी सदस्य हैं। कई अंतराष्ट्रीय विषयों पर भारत और सिंगापुर अपने विचारों की समरूपता प्रदर्शित कर चुके हैं। इतना ही नहीं, दोनों देशों के बीच, 20 से अधिक द्विपक्षीय तंत्र चलते रहते हैं। इसके अलावा, भारत-सिंगापुर के बीच सैन्य अभ्यास भी होते रहते हैं।