भोपाल जेल प्रबंधन की पहल क़ैदियों को पेट्रोल पंप पर काम दिया जाएगा और इसके लिए पारिश्रमिक भी मिलेगा
भोपाल जिन हाथों में कभी हथियार था..उन हाथों में अब काम हो। ऐसी ही पहल की गई है राजधानी भोपाल में और एक ऐसा पेट्रोल पंप का उद्घाटन हुआ है जहां जेल के क़ैदी पेट्रोल भरने का काम करेंगे। भोपाल जेल प्रबंधन ने ये पहल की है और भोपाल सेंट्रल जेल के ठीक सामने जेल […]
भोपाल
जिन हाथों में कभी हथियार था..उन हाथों में अब काम हो। ऐसी ही पहल की गई है राजधानी भोपाल में और एक ऐसा पेट्रोल पंप का उद्घाटन हुआ है जहां जेल के क़ैदी पेट्रोल भरने का काम करेंगे। भोपाल जेल प्रबंधन ने ये पहल की है और भोपाल सेंट्रल जेल के ठीक सामने जेल विभाग की ही ज़मीन हिंदुस्तान पेट्रोलियम को उपलब्ध कराई गई है, जहां ये पेट्रोल पंप बनाया गया है।
मध्य प्रदेश की राजधानी में जन्माष्टमी पर एक अनोखे पेट्रोल पंप का उद्घाटन हुआ है, जहां आपकी गाड़ी में पेट्रोल और डीजल डालने का काम जेल के बंदी करेंगे.
दरअसल, अपराधियों के हाथों में हथियार की जगह फ्यूल पंप का नोजल देने की यह पहल भोपाल जेल प्रबंधन ने की है. भोपाल सेंट्रल जेल के गेट के ठीक सामने जेल विभाग की जमीन हिंदुस्तान पेट्रोलियम को उपलब्ध कराई गई है, जहां पेट्रोल पंप बनाया गया है.
इस पेट्रोल पंप पर हर शिफ्ट में 9 कैदी काम करेंगे, जिन्हें कंपनी की ओर से 500 रुपए रोज के हिसाब से पारिश्रमिक मिलेगा. यह कैदी ओपन जेल के होंगे जो पंप पर रिफिलिंग का काम करेंगे जबकि पेट्रोल पंप का पूरा प्रबंधन जेल प्रहरियों के हाथ में रहेगा.
इसके अलावा, जेल में बंद जिन कैदियों का आचरण अच्छा है, उन्हें भी पंप पर काम दिया जाएगा. इसके लिए बाकायदा कंपनी की ओर से सबको ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जन्माष्टमी पर इस पंप का लोकार्पण किया है.
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन सबके लिए अनुकरणीय: CM यादव
वहीं, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को मंगलकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन सभी के लिए अनुकरणीय है. यही प्रार्थना है कि मंगल तिथियों पर आधारित जन्माष्टमी का पावन पर्व सभी के जीवन में मंगल ही मंगल करे. CM ने जन्माष्टमी के पावन पर्व पर निवास स्थित गौशाला में गोमाता की सेवा कर जगत कल्याण के लिए प्रार्थना की.
सीएम ने कहा कि खगोलीय घटनाओं से मंगल तिथियों की अनुकूलता बनती है, हमारे व्रत, पर्व व त्यौहार मंगल तिथियों के आधार पर ही हैं. इन तिथियों में अद्वितीय घटनाएं घटती हैं, आज की मंगल तिथि इसकी परिचायक है. लगभग 5100 साल पहले रोहिणी नक्षत्र में भाद्रपद की अष्टमी तिथि में भगवान श्रीकृष्ण का रात 12 बजे प्राकट्य हुआ, जो एक आलौकिक घटना है. उन्होंने कहा कि प्राय: शुभ दिनों पर हमारे मुख से शुभकामनाएं का शब्द निकलता है. शुभकामना सामान्य दिनों के लिए है, जबकि मंगल दिवस पर मंगलकामनाओं का आदान-प्रदान उपयुक्त है.
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का सम्पूर्ण जीवन सबके लिए अनुकरणीय है. जीवन में किसी से घबराना नहीं, सदैव धर्म के मार्ग पर चलना, वीरता धारण करना, दयालुता रखना, गोपालन करना और अपने जीवन में जो पाएं, वह बांटने का भाव व सामर्थ्य रखना ऐसी विशेषताएं हैं, जिनका सभी को पालन करना चाहिए.