रेलवे बोर्ड के नए बॉस बने सतीश कुमार, पहली बार दलित अधिकारी बने CEO
नई दिल्ली नियुक्ति समिति ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में सतीश कुमार (Railway Board CEO Satish Kumar) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। आपको बता दें कि वे भारतीय रेलवे मैकेनिकल इंजीनियर्स सेवा के 1986 बैच से हैं। कुमार मार्च, 1988 में भारतीय रेलवे में शामिल हुए […]
नई दिल्ली
नियुक्ति समिति ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में सतीश कुमार (Railway Board CEO Satish Kumar) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। आपको बता दें कि वे भारतीय रेलवे मैकेनिकल इंजीनियर्स सेवा के 1986 बैच से हैं। कुमार मार्च, 1988 में भारतीय रेलवे में शामिल हुए और उन्हें 34 वर्षों का समृद्ध अनुभव है। रेलवे बोर्ड में एमटीआरएस के रूप में शामिल होने से पहले, उन्होंने उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज में महाप्रबंधक के रूप में काम किया।
इससे पहले, कुमार झांसी डिवीजन और बीएलडब्ल्यू (डीजल लोकोमोटिव वर्क्स, वाराणसी), एनईआर, गोरखपुर, पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। उन्होंने 1996 में यूएनडीपी कार्यक्रम के तहत कुल गुणवत्ता प्रबंधन में प्रशिक्षण प्राप्त किया और अपने करियर में कई परियोजनाओं को संभाला है।
इसके साथ ही वह रेलवे के शीर्ष पद पर पहुंचने वाले पहले दलित अधिकारी हैं। रेलवे में उनका अनुभव 3 दशक से ज्यादा समय का है और वह महाप्रबंधक समेत कई अहम पदों पर सेवाएं दे चुके हैं।
मौजूदा अधिकारी जया वर्मा सिन्हा 31 अगस्त को रिटायर हो रही हैं, जिसके बाद कुमार कार्यभार संभालेंगे। वह 1 सितंबर को कार्यभार संभाल सकते हैं। खास बात है जब सिन्हा ने एक साल पहले कार्यभार संभाला था, तब वह इस पर नियुक्ति होने वालीं पहली महिला थीं। कुमार ने 05 जनवरी, 2024 को रेल मंत्रालय में रेलवे बोर्ड में सदस्य (ट्रैक्शन एवं रोलिंग स्टॉक) का कार्यभार संभाला था।
कौन हैं सतीश कुमार
भारतीय रेलवे मैकेनिकल इंजीनियर्स सेवा के 1986 बैच के अधिकारी कुमार मार्च, 1988 में भारतीय रेलवे की सेवा में औपचारिक रूप से शामिल हुए और उनके पास 34 वर्षों का समृद्ध अनुभव है। इससे पहले वह उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज में महाप्रबंधक के रूप में काम कर चुके हैं। पूर्व में कुमार ने अलग-अलग पदों पर झांसी मंडल और बीएलडब्ल्यू (बनारस रेलइंजन कारखाना) पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर, पटियाला रेलइंजन कारखाना में काम किया था।
उन्होंने 1996 में यूएनडीपी कार्यक्रम के तहत कुल गुणवत्ता प्रबंधन में प्रशक्षिण लिया था और वे अपने करियर में कई परियोजनाओं की देख-रेख कर चुके हैं। उन्होंने अप्रैल, 2017 से अप्रैल, 2019 तक उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक के रूप में भी काम किया था। डीआरएम, लखनऊ के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान बड़ी संख्या में बुनियादी ढांचे के काम पूरे किए गए थे।
हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में रेलवे के अधिकारी ने बताया, 'भारतीय रेलवे में उनके व्यापक अनुभव और योगदानों को देखते हुए कुमार को हाल ही में MTRS नियुक्त किया गया था। यह एक अहम पद है, जो पूरे रेलवे में ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक के अहम पहलुओं पर नजर रखता है।' उन्होंने कहा, 'अब वह चेयरमैन ऑफ रेलवे बोर्ड (CRB) के शीर्ष पद पर पहुंच गए हैं, जहां वह भारत में रेल नेटवर्क के भविष्य को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।'