इंदौर की पुलिस अधिकारी अनिला पाराशर दे रही बच्चियों और महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण
इंदौर आज के समय में महिलाओं को अपनी आत्मरक्षा करना काफी आवश्यक है। शहर में ऐसी कई महिलाएं हैं, जो इसके लिए कार्य कर रही है। बच्चियों को गुड टच-बैड टच के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं, ताकि वे समझें कि क्या गलत है और क्या सही है। इंदौर की एक साहसी महिला […]
इंदौर
आज के समय में महिलाओं को अपनी आत्मरक्षा करना काफी आवश्यक है। शहर में ऐसी कई महिलाएं हैं, जो इसके लिए कार्य कर रही है। बच्चियों को गुड टच-बैड टच के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं, ताकि वे समझें कि क्या गलत है और क्या सही है। इंदौर की एक साहसी महिला पुलिसकर्मी ने समाज में बदलाव लाने के लिए एक अनूठी और महत्वपूर्ण पहल की है।
आत्मरक्षा के गुर सिखाने का बीड़ा उठाया
इस पुलिसकर्मी ने न केवल लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने का बीड़ा उठाया है, बल्कि उन्हें मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के लिए सैनिटरी पैड भी वितरित कर रही हैं। उनकी इस पहल ने न केवल लड़कियों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया है।
समाजसेवा संस्था से जुड़कर कार्य
हम बात कर रहे हैं वर्तमान में सीआईडी में टीआई के पद पर पदस्थ अनिला पाराशर की। वे कई वर्षों से अंविका समाजसेवा संस्था से जुड़कर यह कार्य कर रही है। अनिला ने बताया कि मैंने महसूस किया कि आज के समय में लड़कियों के लिए आत्मरक्षा का प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है।
बढ़ते अपराधों को देखते हुए पहल
अनिला के अनुसार समाज में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए यह पहल शुरू की है। इस प्रशिक्षण के माध्यम हम सिखा रहे हैं कि कैसे लड़कियां खुद को खतरनाक स्थितियों में सुरक्षित रख सकती हैं और हमलावर का सामना कर सकती हैं।
बढ़ रहा आत्मविश्वास
प्रशिक्षण सत्र के बाद भाग लेने वाली लड़कियों में बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं, उनमें एक आत्मविश्वास देखने को मिल रहा है। वह अब कहीं भी अकेले जाने में डर महसूस नहीं करती है। उन्हें अब यह एहसास होने लगा है कि वे अपनी सुरक्षा खुद कर सकती हैं और किसी भी आपात स्थिति में साहसिक निर्णय ले सकती हैं। वे अब अपने आसपास की दुनिया को और बेहतर ढंग से समझने लगी हैं और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
ठंड में गरीबों को बांट रही कंबल
अनिला पिछले चार वर्षों से ठंड के सिपाही के तहत गरीबों और जरूरतमंदों को कंबल बांटने का भी कार्य कर रही है। अब तक हजारों लोगों को कंबल बांट चुके हैं। अनिला ने बताया कि ड्यूटी के दौरान रात में जब हम बाहर रहते थे तो देखते थे कि कई लोग ठंड के दिनों में ठिठुरते रहते थे। हम कुछ पुलिसकर्मियों ने खुद से कंबल खरीदे और हमारी गाड़ी में रखें।
फुटपाथ पर बैठने वालों को देते थे कंबल
उनके अनुसार रात के समय में हम जब भी जाते थे तो जहां हमें कोई व्यक्ति फुटपाथ पर दिखता था, उसे कंबल देते थे। इसके बाद लोग भी हमसे जुड़ने लगे और सामाजिक संस्थाओं से भी सहयोग मिलने लगा। इसके अलावा कोरोना में महिलाओं की अस्पतालों में ले जाकर प्रसूति करवाना आदि कार्य भी इनके द्वारा किए गए है। इनके कार्यो को लेकर इन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।
महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे पर भी ध्यान
अनिला ने आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के साथ उन्होंने एक और महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे पर भी ध्यान केंद्रित किया है। यह है मासिक धर्म स्वच्छता। उन्होंने महसूस किया कि ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में कई लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के लिए आवश्यक संसाधन नहीं मिल पाते हैं।
मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों के बारे में कर रहीं जागरूक
इस समस्या के समाधान के लिए, उन्होंने प्रशिक्षण सत्र के दौरान सैनिटरी पैड का वितरण भी शुरू किया। पैड वितरण का उद्देश्य न केवल मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखना है, बल्कि लड़कियों और महिलाओं को इस मुद्दे पर खुलकर बात करने के लिए भी प्रेरित करना है। इसके साथ ही वे उन्हें मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों और मिथकों के बारे में जागरूक कर रही हैं।
समाज के लिए प्रेरणादायक उदाहरण
महिला पुलिसकर्मी न केवल एक कानून लागू करने वाली अधिकारी हैं, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी हैं। उनकी इस पहल ने समाज के विभिन्न वर्गों से सराहना प्राप्त की है। स्थानीय प्रशासन ने भी उनकी इस अद्वितीय पहल की सराहना की है और इसे एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है कि कैसे समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।