भारत में 53.13 करोड़ जन धन अकाउंट, योजना के 10 साल पूरे होने पर PM मोदी ने तारीफ की
नई दिल्ली देश में जनधन खातों की शुरुआत को आज 10 साल पूरे (10 Year's Of JanDhan) हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान 28 अगस्त 2024 को गरीबों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की गई थी और इस एक दशक में बड़ा बदलाव भी […]
नई दिल्ली
देश में जनधन खातों की शुरुआत को आज 10 साल पूरे (10 Year's Of JanDhan) हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान 28 अगस्त 2024 को गरीबों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की गई थी और इस एक दशक में बड़ा बदलाव भी देखने को मिला है. PM Modi ने एक्स पोस्ट के जरिए इसे ऐतिहासित दिन करार दिया है. तो वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आंकड़े पेश कर बदलाव की पूरी तस्वीर साफ की है. आइए जानते हैं कि कितना जमा है गरीबों के खातों में और बैंक सेविंग अकाउंट से कितना अलग है JanDhan Account?
PM मोदी ने बताया ऐतिहासिक दिन
बुधवार को जनधन खातों की शुरुआत को 10 साल पूरा होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर (अब एक्स) अकाउंट पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि, 'आज देश के लिए ऐतिहासिक दिन है.' उन्होंने सभी लाभार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जन धन योजना करोड़ों देशवासियों, विशेषकर हमारे गरीब भाई-बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें सम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर देने में सफल रही है. इसके साथ ही उन्होंने वित्त अपनी पोस्ट में एक फोटो भी शेयर की है, जिसके मुताबिक अब तक देश में खोले गए जनधन खातों की संख्या बढ़कर 53 करोड़ के पार पहुंच गई है.
आज देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है- #10YearsOfJanDhan. इस अवसर पर मैं सभी लाभार्थियों को शुभकामनाएं देता हूं। इस योजना को सफल बनाने के लिए दिन-रात एक करने वाले सभी लोगों को भी बहुत-बहुत बधाई। जन धन योजना करोड़ों देशवासियों, विशेषकर हमारे गरीब भाई-बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने…
वित्त मंत्री ने शेयर किए आंकड़े
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भी जनधन योजना के एक दशक पूरा होने पर इससे जुड़े अहम आंकड़े शेयर करते हुए इसके सफल रहने की बात कही है. वित्त मंत्री के मुताबिक, पिछले 10 वर्षों में गरीबों के लिए 53.13 करोड़ जनधन खाते (JanDhan Accounts) खोले गए हैं और लगभग 80 प्रतिशत खाते चालू हैं. इनमें 14 अगस्त 2024 तक 2.31 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जमा हैं. निर्मला सीतारमण ने बताया कि जो जनधन खाते खोले गए हैं, उनमें से 67 फीसदी खाते ग्रामीण और सेमी-अर्बन क्षेत्रों में ओपन हुए हैं, जबकि इनमें 55 फीसदी खाते महिलाओं के हैं.
वित्त मंत्री ने PMJDY को सफल बताते हुए कहा कि इसकी शुरुआत के बाद मार्च 2015 में प्रति खाते में औसत बैलेंस 1,065 रुपये था, जो अब बढ़कर 4,352 रुपये हो गया है. इसके अलावा खातों की तादाद बढ़ने के साथ ही जमा राशि में बड़ा उछाल आया है. मार्च 2015 में कुल जमा 15,670 करोड़ रुपये था, जो कि बीते 14 अगस्त 2024 तक बढ़कर 2.31,236 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
JanDhan खातों पर क्या-क्या फायदा?
जनधन खाते, तमाम बैंकों में खुले सेविंग अकाउंट्स से अलग होते हैं और इनमें फायदा भी गजब का है. दरअसल, जनधन खाते में जमा की गई राशि पर ब्याज तो मिलता ही है, बल्कि ये अकाउंट ओपन कराने के साथ ही खाताधारक का एक लाख रुपये का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस (Accidental Insurance) भी हो जाता है. यही नहीं इसमें 30,000 रुपये का लाइफ कवर भी मिलता है. बैंक खातों की तरह जनधन अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की कोई लिमिट नहीं होती है, बल्कि इसमें तो लाभार्थी को 10,000 रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा भी मिलती है.
साल 2014 में मोदी सरकार ने जनधन योजना की शुरुआत इस लक्ष्य के साथ की थी कि देश के हर नागरिक तक बैंकिंग सर्विसेज का लाभ पहुंचे. JanDhan Account ओपन कराना बेहद आसान है. कोई भी भारतीय नागरिक इस योजना के तहत अकाउंट खुलवाने के लिए आवेदन कर सकता है. आवदेक की उम्र कम से कम 10 साल होनी चाहिए. किसी भी नजदीकी बैंक में जाकर या फिर बैंक मित्र के जरिए जनधन खाता खुलवा सकते हैं. इसके लिए जरूरी डॉक्युमेंट्स की बात करें तो
योजना ने गरीब भाई-बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया
पीएम मोदी ने एक्स पर कहा, "आज देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है-जनधन के 10 वर्ष इस अवसर पर मैं सभी लाभार्थियों को शुभकामनाएं देता हूं। इस योजना को सफल बनाने के लिए दिन-रात एक करने वाले सभी लोगों को भी बहुत-बहुत बधाई। जन धन योजना करोड़ों देशवासियों, विशेषकर हमारे गरीब भाई-बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें सम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर देने में सफल रही है।"
योजना से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला
उन्होंने कहा कि जन धन योजना वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और करोड़ों लोगों, विशेषकर महिलाओं, युवाओं और हाशिए पर पड़े समुदायों को सम्मान देने में अग्रणी रही है।
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