छत्तीसगढ़-बालोद के कलेक्ट्रेट पहुंचे सैकड़ों ग्रामीण, टैक्स देने पर भी समय से पानी न मिलने की शिकायत

बालोद. बालोद जिले के ग्राम जगतरा के ग्रामीण अपने मूलभूत समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणों ने बताया कि पखवाड़े भर से बारिश नहीं हुई है और तांदुला जलाशय के किनारे रहने के बावजूद भी उन्हें सिंचाई के लिए एक छोटे छुईहा जलाशय पर निर्भर रहना पड़ता है और उसे जलाशय […]

छत्तीसगढ़-बालोद के कलेक्ट्रेट पहुंचे सैकड़ों ग्रामीण, टैक्स देने पर भी समय से पानी न मिलने की शिकायत

बालोद.

बालोद जिले के ग्राम जगतरा के ग्रामीण अपने मूलभूत समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणों ने बताया कि पखवाड़े भर से बारिश नहीं हुई है और तांदुला जलाशय के किनारे रहने के बावजूद भी उन्हें सिंचाई के लिए एक छोटे छुईहा जलाशय पर निर्भर रहना पड़ता है और उसे जलाशय से निकलने वाले नाली की स्थिति बेहद दयनीय है और कुछ जगहों पर खोद दिया गया है जिसके कारण ग्रामीणों को फसलों के लिए सिंचाई से वंचित होना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने कलेक्टर से मिलकर अपनी समस्याओं को रखते हुए उस नाली का पक्की बनाने सुदृढ़ीकरण करने की मांग की। ग्राम पंचायत जगतरा के सरपंच गजेंद्र यादव ने बताया कि गांव में कुछ समस्याएं हैं जिन्हें लेकर हम आज प्रशासन के समक्ष पहुंचे हुए हैं दरअसल राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 930 से जगतरा तक हम सड़क निर्माण करने की मांग लेकर भी आए हैं हमारा गांव दो भागों में बांटा हुआ है और दूसरे मोहल्ले तक जाने के लिए हमें कच्चे रास्ते से होकर जाना पड़ता है तो हम चाहते हैं कि गांव के उसे रास्ते में पक्के सड़क का निर्माण हो जाए ताकि आने जाने वाले लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो।

चुकाते हैं कर
ग्रामीण संतलाल साहू गजरी धनकर एवं ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष नोहर लाल मंडावी ने बताया कि हम सब ग्रामीण उसे कच्चे नाले के लिए प्रत्येक वर्ष जलकर चुकाते हैं परंतु जब हमारी फसलों को पानी की आवश्यकता होती है तो इसकी भरपाई नहीं हो पाती है नल को दुरुस्त करने अब तक किसी तरह की कोई पहल सिंचाई विभाग के माध्यम से नहीं की गई है जिसके लिए हम पक्का नाला निर्माण की मांग करने आए हैं हमारे फसलों को आज पानी की महती आवश्यकता है।

श्रम दान से करते थे सफाई
ग्रामीण मोहित कुमार लोहार मंगल मांडवी सोमन धनकर किशोर निषाद ने बताया कि कुछ वर्षों पहले तक हम कच्चे नाली की सफाई श्रमदान से करते थे अब समय अभाव के कारण श्रम दान का कार्य भी नहीं हो पा रहा है ऐसे में प्रशासन ही हमारी मदद कर सकता है आपको बता दें कि ग्रामीणों ने कलेक्टर से मिलकर अपनी मांगों को रखा जहां पर कलेक्टर ने कहा कि इस वर्ष तो नाली का काम कर पाना संभव नहीं है अगली बार के लिए देखते हैं अब सवाल यह उठता है कि वर्तमान में किसानों के खेतों तक पानी कैसे पहुंचाई जाएगी।

व्यवस्था देखने तुरंत पहुंचे सब इंजीनियर
ग्रामीण जब अपनी समस्या लेकर सिंचाई विभाग और कलेक्टर के पास पहुंचे तो ग्रामीणों के साथ वापस सिंचाई विभाग के इंजीनियर व्यवस्था देखने पहुंचे क्योंकि ग्रामीणों को पानी की बहुत आवश्यकता है अब देखना यह होगा कि किस तरह किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाई जाती है क्योंकि यहां पर जिस गांव में यह छोटा सा जलाशय बना हुआ है उसे गांव में भी पानी की सप्लाई होती है और कुछ जगहों पर नाली से छेड़छाड़ किया गया है जिसके कारण पानी की सप्लाई प्रभावित हो रही है।