मध्यप्रदेश सरकार निवेशकों को उपलब्ध करायेगी सभी बुनियादी सुविधाएं : यादव
ग्वालियर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने निवेशकों से मध्यप्रदेश में निवेश करने का आग्रह करते हुए कहा कि राज्य सरकार सभी सुविधाएं और आधारभूत अधोसंरचना उपलब्ध करायेगी और निवेशकों के सुझाव पर नीति में भी परिवर्तन किया जा सकेगा। डॉ यादव देर शाम यहां रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव में उद्योगपतियों से चर्चा कर रहे […]
ग्वालियर
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने निवेशकों से मध्यप्रदेश में निवेश करने का आग्रह करते हुए कहा कि राज्य सरकार सभी सुविधाएं और आधारभूत अधोसंरचना उपलब्ध करायेगी और निवेशकों के सुझाव पर नीति में भी परिवर्तन किया जा सकेगा।
डॉ यादव देर शाम यहां रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव में उद्योगपतियों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित हैं। निवेश के माध्यम से हर युवा को रोजगार मिले इस उददेश्य से संभाग स्तर पर जाकर कॉन्क्लेव आयोजित किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से चर्चा में कहा कि मध्य प्रदेश में यदि विदेशी निवेश आ रहा है तो सौभाग्य की बात है। सभी प्रकार से सरकार का सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री से एसेंचर आईटी के एमडी मनोज चतुर्वेदी ने मुलाकात की और उनसे मध्य प्रदेश में निवेश के संबंध में चर्चा की। मार्बल विनाइल के पंकज चावला ने ऑटोमेटिक इंटीरियर के संबंध में चर्चा की। एलिक्सर इंडस्ट्री ने फर्नीचर और रसायन के क्षेत्र में इन्वेस्ट करने की इच्छा जाहिर की।
मुख्यमंत्री ने कोऑपरेटिव सेक्टर को भी बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा कि प्रदेश के साथ संभागों में कोऑपरेटिव सेक्टर को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होने निवेशकों से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होने पशुधन को बढ़ाने, उनके चारे की विशेष व्यवस्था करने के लिए धनराशि जुटाने की चर्चा की जिससे कि दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी हो।
रिलायंस इंडस्ट्री ने बंजर पड़ी जमीन पर चारा उगाने रिसर्च डिपार्टमेंट स्थापित करने की कार्य योजना रखी। ग्वालियर के 800 एकड़ क्षेत्र में घास लगाकर इससे गैस बनाने की प्रक्रिया के लिए बायोकैमिकल इंडस्ट्री के साथ पहले रिसर्च डिपार्टमेंट स्थापित करने की बात। प्लेग्रो इंडस्ट्रीज के अंकुर गुप्ता ने खिलौने और फर्नीचर के लिए पॉलिसी बनाने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया, इंदौर व उज्जैन क्षेत्र में खिलौना उद्योग लगाने की इच्छा जताई। जमुना इंडस्ट्री ऑटोमोबाइल क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक कोहली ने स्प्रिंग और सस्पेंशन बनाने के लिये निवेश की इच्छा जाहिर करते हुए पीथमपुर के पास जमीन अलॉट करने की बात रखी।
इस प्रकार 18 से अधिक उद्योगपतियों ने लगभग 5000 करोड़ रूपये का इन्वेस्टमेंट करने के संबंध में अपनी बात रखी। ग्वालियर मुरैना में भी लगभग 3000 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव इन उद्योगपति ने दिए हैं। हाई राइड समूह के एम डी अनुज अग्रवाल ने बताया की मेक इन इण्डिया मुहिम के तहत रु. 2500 करोड के निवेश से 2 गीगा वाट क्षमता का सौर उर्जा सेल विनिर्माण इकाई तथा सिवनी में 300 केएलपीडी क्षमता का इथेनॉल प्लांट स्थापित किये जाने की योजना है।
जमना ऑटो के सुरेंद्र पाल ने औद्यो गिक क्षेत्र मालनपुर, जिला भिंड में 42 एकड़ क्षेत्रफल पर रुपये 300 करोड़ के अधिक के निवेश से प्लांट संचालित है, जिसमें 1100 से अधिक व्यक्ति कार्यरत है।
मार्बल ग्रुप द्वारा प्रदेश में लगभग 50 से 60 एकड भूमि पर ऑटोमोटिव इंटीरियर फर्निशिंग, वाटर प्रूफिंग तथा जियोमेमब्रेन्स के निर्माण हेतु 4 ज्वांइट वेंचर इकाईयां स्थापित किये जाने की योजना है। इन इकाईयों में रुपये 620 करोड का निवेश तथा 2800 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रस्तावित है।
ओ एफ बी कंपनी की रुपये 350 करोड़ की लागत के साथ टेक्सटाइल, बैग निर्माण सम्बन्धी इकाई स्थापना की योजना है। प्राइम गोल्ड कंपनी की ग्वालियर जिले में स्थापित स्टील निर्माण इकाई के विस्तार में रुपये 250 करोड का अतिरिक्त निवेश की योजना है जिससे अतिरिक्त 200 से 300 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। करीब 2000 एकड भूमि क्षेत्रफल पर जिला मुरैना में बायो एनर्जी सेक्टर संबंधी कंप्रेस्ड बायो गैस इकाई स्थापित किये जाने की योजना है।
वहीं स्टार्टअप्स प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास प्रदेश के युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने का है। स्टार्टअप हमारे लिए मददगार साबित होंगे एवं प्रदेश की बौद्धिक संपदा और क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार स्टार्ट अप को भरपूर सहयोग प्रदान कर रही हैं। हम प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ाने के लिए भी योजना लाने वाले हैं । अभी तक प्रदेश में 5 इंस्टिट्यूट ऐसे है जो कि शासकीय हैं। हमारा संकल्प है कि इनकी संख्या 13 तक पहुँच जाये। वनांचल बेल्ट जो औषधियों से भरपूर क्षेत्र है जिसे सरकार पूरी तत्परता से प्रोत्साहित कर रही है एवं इसके विकास से प्रदेश की जनता को रोजगार मिलेगा एवं वनवासियों की बौद्धिक संपदा और क्षेत्रीय भाषा का हमें सहयोग प्राप्त होगा। अनुसूचित जनजाति को मुख्य धारा में लाने के लिये यह जरूरी है कि वन औषधियों से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने से उनको रोजगार मिलेगा एवं औषधियों को उचित दाम मिले, इसका सरकार प्रयास करेगी।
डॉ यादव ने लेदर एवं फुटवियर से संबंधित उद्यमियों से चर्चा करते हुए कहा कि हमें सिंथेटिक लेदर को बढ़ावा देना होगा। ग्वालियर एवं मुरैना में भी रोज़गारपरक लेदर इंडस्ट्रीज़ को बढ़ावा दिया जायेगा। हमने कई इंडस्ट्रियल पार्क बनाये हैं, सभी उद्योगपति उनमें बेझिझक निवेश करें।