छत्तीसगढ़-रायगढ़ में ट्यूबेल के पानी से फ़ैली बीमारी, डायरिया के रोजाना मिल रहे 10-15 मरीज
रायगढ़. रायगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित ओंगना गांव की आबादी लगभग 1300 के आसपास है। गांव में इन दिनों उल्टी-दस्त पैर पसार चुका है। गांव के ग्रामीणों के अनुसार रोजाना 10-15 उल्टी दस्त के मरीज सामने आ रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा […]
रायगढ़.
रायगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित ओंगना गांव की आबादी लगभग 1300 के आसपास है। गांव में इन दिनों उल्टी-दस्त पैर पसार चुका है। गांव के ग्रामीणों के अनुसार रोजाना 10-15 उल्टी दस्त के मरीज सामने आ रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा है।
गांव के ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में लगातार रूक-रूक कर पानी गिरने और लगातार मौसम में बदलाव होते रहने की वजह से ओंगना गांव सहित आसपास के गांव में हर साल इसी तरह उल्टी-दस्त की समस्या आती रहती है।
ट्यूबेल में मिले हैं कीटाणु
गांव के सरपंच रामदयाल ने बताया कि सप्ताह भर से मरीज आ रहे हैं। अब तक गांव में उल्टी-दस्त के करीब 35 से 40 मरीज मिले हैं। इनमें से चार-पांच लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि दो लोगों को रायगढ़ रेफर कर दिया गया है। गांव के ट्यूबेल में कीटाणु आने से गांव में डायरिया फैलने की बात कही जा रही है।
गांव में लगा शिविर
ओंगना गांव के ग्रामीणों ने बताया कि राठिया बस्ती में डायरिया की चपेट में आकर गांव के कई ग्रामीण उल्टी-दस्त से पीड़ित है। गांव में पिछले पांच दिनों से शिविर लगाकर बीमार लोगों का उपचार किया जा रहा है। वहीं, कुछ लोगों को उचित उपचार के लिये धरमजयगढ़ सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार जारी है।
8 से 10 ट्यूबेल को कराया गया बंद
डॉ. बीएल भगत, बीएमओ ने बताया कि ओंगना गांव में पांच दिनों से शिविर लगाया गया है। रोजाना 6-7 मरीज आ रहे हैं। पानी की जांच करने पर उसमें वैक्टेरिया मिला है, जिसके बाद से गांव के 8 से 10 ट्यूबेल को बंद करा दिया गया है। उल्टी-दस्त से पीड़ितों का गांव के पंचायत भवन में शिविर लगाकर उपचार किया जा रहा है।