देश में कालेधन को सफेद करने के लिए मोदी सरकार ने बजट में एक नई योजना पेश की है, जाने कैसे करें कन्वर्ट
नई दिल्ली देश में कालेधन को सफेद करने के लिए मोदी सरकार ने बजट में एक नई योजना पेश की है। इस योजना के मुताबिक, यदि आपके पास छापेमारी में पकड़े जाने की स्थिति में अघोषित धन है तो आप इस पर सरकार को 60 प्रतिशत टैक्स देकर इस ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में […]
नई दिल्ली
देश में कालेधन को सफेद करने के लिए मोदी सरकार ने बजट में एक नई योजना पेश की है। इस योजना के मुताबिक, यदि आपके पास छापेमारी में पकड़े जाने की स्थिति में अघोषित धन है तो आप इस पर सरकार को 60 प्रतिशत टैक्स देकर इस ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में कन्वर्ट कर सकते है।
गौरतलब है कि देश में आयकर की अधिकतम दर 30 प्रतिशत है लेकिन यदि आपके पास काला धन पकड़ा जाता है तो आपको न सिर्फ पकड़े गए धन के ऊपर बनता टैक्स देना पड़ेगा बल्कि इसके अलावा जुर्माना भी देना होगा। इसके साथ ही कई मामलों में काले धन के आरोपियो को जेल की भी सजा हो जाती है लेकिन सरकार ने इस नई य़ोजना के तहत यदि आप अपनी छुपाई गई इनकम पर सरकार को 60 फीसदी टैक्स दे देते है तो आपका मामला पहली ही सुनवाई में खत्म हो जाएगा। इस पर आपको कोई जुर्माना भी नहीं देना पड़ेगा।
बजट में की गई इस घोषणा के बाद केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को उम्मीद है कि देश में बहुत सारे लोग इस नई योजना का फायदा उठाएंगा क्योंकि आयकर विभाग द्वारा की जाने वाली छापेमारी में पकड़े जाने वाले धन को लेकर लंबी कानूनी कार्रवाई चलती है जिसके कारण काला धन रखने वाले लोगों के अलावा सरकार के अफसरों का भी समय खराब होता है।
CBDT के चेयरमेन रवि अग्रवाल ने कहा कि आम तौर आयकर विभाग द्वारा तलाशी ली जाने के बाद अघोषित आय के साक्ष्यों की जांच करते है। इसके बाद नोटिस भेजने का सिलसिला शुरू होता है और सालों तक सुनवाई चलती रहती है। अब नई योजना में यदि करदाता इनकम टैक्स के अधिकारियों द्वारा किए गए विश्लेषण को मान लेता है तो इस मामले में एक की ही सुनवाई होगी और 60 प्रतिशत टैक्स देने पर मामला खत्म भी हो जाएगा। लेकिन करदाता आकलन से ज्यादा आघोषित आय स्वीकार करता है तो अतिरिक्त रकम पर 50 फीसदी जुर्माना लगाया जा सकता है मगर अब नई योजना में पिछले 6 सालों के मामलों का एक ही बार में निपटारा हो जाएगा।
नई योजना का मुख्य उद्देशय
नई योजना का मुख्य उद्देशय तलाशी के आकलन को अंतरिम रूप देना है। तलाशी की जांच में तालमेल करना और इसके तहत होने वाली कार्रवाईयों को खत्म करना है। पिछले 6 साल के एक ब्लाॅक से संबंधित कुल आय पर आयकर कानून की धारा 113 में बताई गई दरों के हिसाब से टैक्स वसूला जाएगा और पिछले वर्षों की आय को ध्यान में नहीं रखा जाएगा।