बिहार: केसी त्यागी ने जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से दिया इस्तीफा
पटना बिहार में बड़ी सियासी हलचल हुई है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी की तऱफ से प्रेस रिलीज जारी कर अभी यह कहा गया है कि केसी त्यागी […]
पटना
बिहार में बड़ी सियासी हलचल हुई है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी की तऱफ से प्रेस रिलीज जारी कर अभी यह कहा गया है कि केसी त्यागी ने निजी कारणों की वजह से पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दिया है। जदयू ने केसी त्यागी के इस्तीफे के बाद नए राष्ट्रीय प्रवक्ता का ऐलान भी कर दिया है। केसी त्यागी की जगह अब राजीव रंजन प्रसाद को जदयू का राष्ट्रीय प्रवक्ता घोषित किया गया है।
जनता दल यूनाइटेड के महासचिव आफाक अहमद खान की तरफ से विज्ञप्ति जारी कर कहा गया है, 'जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राजीव रंजन प्रसाद को राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद पर नियुक्त किया है। केसी त्यागी जो प्रवक्ता के पद पर पार्टी में हैं, उन्होंने निजी कारण से पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है।' बताया जा रहा है कि केसी त्यागी पार्टी के राजनीतिक सलाहकार बने रहेंगे
केसी त्यागी की जदयू के दिग्गज नेता हैं और कई मोर्चों पर केसी त्यागी पार्टी की तरफ से बोलते आए हैं। तेज तर्रार प्रवक्ता और कुशल राजनेता के तौर पर जाने जाने वाले केसी त्यागी के इस्तीफा ने सबको चौंका दिया है। हालांकि, कुछ दिनों पहले केसी त्यागी ने एक बार और चौंकाया था जब वो विपक्षी दलों के एक ग्रुप में नजर आए थे। दरअसल देश के विपक्षी दलों के एक ग्रुप ने फिलिस्तीन के नेता से मुलाकात थी।
यह मुलाकात अल गुद्स के महासचिव मोहम्मद मकराम बलावी से हुई थी। इस दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं के अलावा वहां जेडीयू नेता केसी त्यागी भी नजर आए थे। इस मुलाकात के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया था। इस बयान को लेकर एक विज्ञप्ति जारी की गई थी जिसमें केसी त्यागी का हस्ताक्षर भी था।
विपक्षी दलों ने इस दौरान इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध पर चिंता जाहिर की थी। इसके अलावा फिलिस्तीनी नागरिकों के नरसंहार पर भी विपक्षी नेताओं ने निंदा की थी और सांसदों ने भारत सरकार से आग्रह किया था कि वो इजरायल को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति ना करे।