नगर निगम अब नई तकनीक से इंदौर मेें भरेगा गड्ढे, दो घंटे में हो जाएगा पेचवर्क
इंदौर सड़कों पर गड्ढों को लेकर इंदौरवासियों की नाराजगी झेल रहे नगर निगम ने नई तकनीक से पेचवर्क करने का फैसला लिया है। इसका ट्रायल रविवार सुबह भंडारी मिल मार्ग पर मेयर और सांसद की मौजूदगी में किया गया।पेचवर्क वाला हिस्सा दो घंटे बाद ट्रैफिक के लिए भी खोल दिया गया। इस पेचवर्क में पानी […]
इंदौर
सड़कों पर गड्ढों को लेकर इंदौरवासियों की नाराजगी झेल रहे नगर निगम ने नई तकनीक से पेचवर्क करने का फैसला लिया है। इसका ट्रायल रविवार सुबह भंडारी मिल मार्ग पर मेयर और सांसद की मौजूदगी में किया गया।पेचवर्क वाला हिस्सा दो घंटे बाद ट्रैफिक के लिए भी खोल दिया गया। इस पेचवर्क में पानी की तरी की जरुरत नहीं होती है। कंपनी को सड़कों के गड्ढे भरने की जिम्मेदारी दी गई हैै।
इंदौर में लगातार बाारिश के कारण कई प्रमुख मार्गों पर गड्ढे हो गए। इसके कारण यातायात भी बाधित होता हैै। अब मौसम खुलने के बाद नगर निगम ने गड्ढे भरकर पेचवर्क करने की कवायद की है। रविवार को भंडारी मिल मार्ग पर पेचवर्क किया गया। इस दौरान सांसद शंकर लालवानी, विधायक गोलू शुक्ला, जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर भी मौजूद थे।
दो घंटे में पेचवर्क हो जाता हैै
नई तकनीक से सीमेंट को स्पेेशल केमिकल में मिलाकर गड्ढे में भरा गया। दो घंटे के बाद पेचवर्क वाला हिस्सा ट्रैफिक के लिए खोल लिया गया। नई तकनीक में पहले गड्ढे का उखड़ा हुआ मटेरियल बाहर निकाला जाता है, इसके बाद जो कंकड़, पत्थर को निकालकर गड्ढे को साफ किया जाता है, ताकि बेस तैयार हो जाए। फिर गड्ढे की पहली लेयर को केमिकल भरकर समतल किया जाता है। इसके लिए 25 किलो के मटेरियल में ढाई लीटर लिक्विड मिलाकर कोठी में मटेरियल तैयार किया जाता है। इसमें डामर का उपयोग नहीं होता।
खास बात यह इसमें कंपनी द्वारा बनाया गया स्पेशल इको फ्रेण्डली सीमेंट मिक्स किया जाता है। फिर इसका गड्ढे पर प्लास्टर किया जाता है। इस सीमेंट की खासियत यह है कि दो घंटे में सूख जाता है और तरी नहीं करनी पड़ती। इसके बाद सड़क का हिस्सा ट्रैफिक के लिए उपयोग किया जा सकता है।