शिक्षा के क्षेत्र में नई पहल शुरू करेगा केरल, अभिभावकों की चिंताओं को दूर करने के लिए कई उपायों पर विचार
तिरुवनंतपुरम देश के सभी राज्यों में से दक्षिण भारतीय राज्य केरल में सबसे ज्यादा साक्षरता दर है। इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं, लेकिन इसी बीच केरल सरकार शिक्षा के क्षेत्र में एक और कदम उठाने जा रही है। बच्चों के माता-पिता को इस बात की चिंता रहती है कि उनके बच्चे का बैग […]
तिरुवनंतपुरम
देश के सभी राज्यों में से दक्षिण भारतीय राज्य केरल में सबसे ज्यादा साक्षरता दर है। इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं, लेकिन इसी बीच केरल सरकार शिक्षा के क्षेत्र में एक और कदम उठाने जा रही है। बच्चों के माता-पिता को इस बात की चिंता रहती है कि उनके बच्चे का बैग भारी है। सरकार अभिभावकों की इसी चिंता का निवारण करने पर विचार कर रही है। केरल की पिनाराई विजयन सरकार 'बैग फ्री डेज' पहल पर काम कर रही है। अगर सब कुछ सही रहा तो बच्चों को अब स्कूल में भारी बैग लेकर नहीं जाना पड़ेगा। योजना के मुताबिक बच्चों को महीने में चार दिन बैग ले जाने से मुक्ति मिलेगी।
अभिभावकों की चिंताओं को दूर करने के लिए कई उपायों पर विचार
केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा है कि स्कूल बैग के वजन को लेकर बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर राज्य सरकार बच्चों और अभिभावकों की चिंताओं को दूर करने के लिए कई उपायों पर विचार कर रही है।
भारी स्कूल बैग के मुद्दे पर जल्द फैसला लेगी सरकार
शिवनकुट्टी ने शुक्रवार को दिए एक बयान में कहा कि सरकार राज्य में कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के भारी स्कूल बैग के मुद्दे पर जल्द ही फैसला लेगी। अभिभावकों और सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली को पसंद करने वाले लोगों की ओर से कई शिकायतें और सुझाव आ रहे हैं।
स्कूल बैग अभी भी बहुत भारी हैं की शिकायतें मिल रहीं
शिक्षा मंत्री शिवनकुट्टी ने कहा कि केरल में बच्चों के कंधे के बोझ को कम करने के मकसद से पाठ्यपुस्तकों को पहले से ही दो भागों में छापकर बांटा जा रहा है, लेकिन, ऐसी शिकायतें हैं कि स्कूल बैग अभी भी बहुत भारी हैं।
स्कूल बैग के वजन को लेकर निर्देश होंगे जारी
उन्होंने कहा कि कक्षा 1 के छात्रों के स्कूल बैग का वजन 1.6 से 2.2 किलो और 10वीं के छात्रों के स्कूल बैग का वजन 2.5 से 4.5 किलो के बीच रखने के निर्देश जारी किए जाएंगे।