कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने CBFC को भेजा नोटिस, PIL के चलते मामला गरमाया

बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत सुर्खियों में हैं। अपनी फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर उन्हें तगड़ा झटका लगा है। पहले ही इस मूवी को लेकर विवाद चल रहा था और फिर सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) ने इसका सर्टिफिकेट रोक दिया। ऐसे में 6 सितंबर 2026 को रिलीज होने वाली इस फिल्म को पोस्टपोन कर दिया […]

कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने CBFC को भेजा नोटिस, PIL के चलते मामला गरमाया

बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत सुर्खियों में हैं। अपनी फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर उन्हें तगड़ा झटका लगा है। पहले ही इस मूवी को लेकर विवाद चल रहा था और फिर सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) ने इसका सर्टिफिकेट रोक दिया। ऐसे में 6 सितंबर 2026 को रिलीज होने वाली इस फिल्म को पोस्टपोन कर दिया गया। एक तरफ कंगना बहुत निराश हैं तो दूसरी तरफ जबलपुर हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर CBFC से जवाब मांगा है।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सोमवार को Kangana Ranaut की अपकमिंग मूवी 'Emergency ' को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर केंद्र सरकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को नोटिस जारी किया। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जज विनय सराफ की डिवीजन बेंच ऑफ एक्टिंग ने अधिकारियों से ये स्पष्ट करने को कहा है कि फिल्म को अभी तक प्रमाणित (सर्टिफिकेट) किया गया है या नहीं।

कंगना रनौत को लगा तगड़ा झटका, बोलीं- मेरी फिल्म पर ही इमरजेंसी लग गई, अपने देश और हालात से बहुत निराश हूं

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर भी विचार

हाई कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के सामने केन्द्र सरकार की हाल की दलील पर भी गौर किया कि फिल्म को अभी तक प्रमाणित नहीं किया गया है। जस्टिस सचदेवा ने कहा, 'पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश के मद्देनजर बोर्ड इस पर विचार कर रहा है। ऐसी संभावना है कि अगर कोई सीन ऐसा है, जिसे एडिट करने या हटाने की जरूरत है… तो मुमकिन है कि फिल्म 6 तारीख को रिलीज नहीं होगी।'

'ट्रेलर में अमृतधारी सिखों को लोगों की हत्या करते हुए दिखाया'

यह जनहित याचिका (PIL) जबलपुर सिख संगत और गुरु सिंह सभा इंदौर द्वारा दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील नरेंद्र पाल सिंह रूपरा ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता जबलपुर और इंदौर के कई गुरुद्वारों, स्कूलों और कॉलेजों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वकील नरेंद्र पाल सिंह रूपरा ने कहा कि इस मामले में सिनेमैटोग्राफ एक्ट का उल्लंघन हुआ है, क्योंकि फिल्म के ट्रेलर में अमृतधारी सिखों को लोगों की हत्या करते हुए दिखाया गया है और एक डायलॉग है कि 'आपको वोट चाहिए, हमें खालिस्तान चाहिए।'