वर्षाकाल के दौरान दूषित पानी से बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ने लगी, कन्या छात्रावास की 19 बालिकाएं बीमार

बड़वानी वर्षाकाल के दौरान दूषित पानी से बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ने लगी है। जिले के पलसूद नगर के वार्ड क्रमांक 12 में लोगों को उल्टी-दस्त व पेटदर्द की शिकायत होने लगी है। शनिवार को जिला अस्पताल में कुल 19 लोग रेफर किए गए। इनको उक्त समस्या आई है। इसमें कन्या हॉस्टल की 9 बालिकाएं […]

वर्षाकाल के दौरान दूषित पानी से बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ने लगी, कन्या छात्रावास की 19 बालिकाएं बीमार

बड़वानी
वर्षाकाल के दौरान दूषित पानी से बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ने लगी है। जिले के पलसूद नगर के वार्ड क्रमांक 12 में लोगों को उल्टी-दस्त व पेटदर्द की शिकायत होने लगी है। शनिवार को जिला अस्पताल में कुल 19 लोग रेफर किए गए। इनको उक्त समस्या आई है। इसमें कन्या हॉस्टल की 9 बालिकाएं भी शामिल है। इसमें 8 का उपचार आईसीयू में जारी है।

पानी का लिया सैंपल
हॉस्टल व वार्ड में पेयजल में समस्या को लेकर अधिकारियों ने पानी का सैंपल लिया है। पलसूद के वार्ड 12 व होस्टल में मिले मरीजों के बाद शनिवार को दिनभर सीएमएचओ डा. सुरेखा जमरे अपने दोनों डीएचओ के साथ तैनात रही।

छात्राओं की तबियत बिगड़ी
पलसूद स्थित शासकीय जनजातीय सीनियर कन्या छात्रावास में छात्राओं की तबियत बिगड़ी। उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत पर कुछ बालिकाओं को शुक्रवार रात्रि जिला अस्पताल रेफर किया गया। जहां आईसीयू में इनका उपचार जारी है। वहीं इनके साथ ही पलसूद के उक्त वार्ड में कई लोग मौसमी बीमारी से ग्रस्ति हो रहे है। जिला अस्पताल के आईसीयू में उपचार के लिए भर्ती छात्राओं के परिजनों ने बताया कि छात्रावास में कक्षा 9 से 12 वीं तक की करीब 50 छात्राएं रहती हैं। गुरुवार रात्रि छात्राओं को उल्टी दस्त और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। छात्रावास अधीक्षका द्वारा इसकी सूचना पालकों को दी गई। पालकों द्वारा ग्राम उपला के स्वास्थ्य केंद्र में छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया और घर ले गए। फिर तबीयत बिगड़ने पर पलसूद स्वास्थ्य केंद्र ले गए। बीती रात्रि वहां से करीब 8 छात्राओं को एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल रेफर किया गया। शनिवार दिन में उपचार के दौरान छात्राओं की हालत खास सुधार नहीं देखने को मिला। इस दौरान आईसीयू में 6-7 छात्राएं उपचाररत रही।

संभागीय उपायुक्त ने किया था निरीक्षण
छात्रावासों में फूड पायजनिंग के मामलों से सीधे तौर पर छात्रावासों के प्रबंधन और भोजन परोसने वाले समूहों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे है। गत दिनों निवाली के कस्तूरबा कन्या आश्रम में बड़ी संख्या में बालिकाओं की तबियत बिगड़ी थी। वहीं समीप धार जिले के कुक्षी विकासखंड में ऐसी घटना सामने आई थी। इन मामलों को लेकर गत दिनों ताबड़तोड़ संभागीय उपायुक्त जनजातीय तथा अनुसूचित जाति विकास इंदौर बीसी पांडेय ने जिले का भ्रमण कर विशेष रुप से छात्रावास और आश्रमों का निरीक्षण किया था। जिसमें जिला मुख्यालय स्थित कन्या शिक्षा परिसर में साफ सफाई और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर अधीक्षिका को निर्देश दिए थे।

परिजनों ने बताया
ग्राम एकलबारा के निवासी वेलसिंग नरगावे ने बताया कि उनकी बच्ची पलसूद होस्टल में दो वर्ष से पढ़ाई कर रही है। शुक्रवार सुबह होस्टल से बच्ची की तबियत खराब होने की सूचना मिली। ग्राम उपला में प्रारंभिक इलाज के बाद देर रात बड़वानी जिला अस्पताल लाए है। शनिवार दोपहर तक बच्ची की हालत में खास सुधार नहीं है। खाना खाने के बाद दस्त हो रहे है। डॉक्टर रिपोर्ट में क्या बताते है, उसके बाद अलग से उपचार करवाने पर विचार करेंगे। वहीं सिकराम जमरे ने बताया कि उनकी बच्ची पलसूद कन्या छात्रावास में पढ़ती है। शुक्रवार सुबह उसकी तबियत खराब होने की सूचना मिली। इसके बाद ग्राम उपला में उपचार करवाया। उसके बाद स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर शुक्रवार रात्रि बड़वानी लाए है। जमरे ने बताया कि उनकी बच्ची ने बताया कि गुरुवार रात्रि दाल-चावल व सब्जी खाई थी, उसके बाद पेट दर्द व उल्टी दस्त होने लगे। अस्पताल में उपचार जारी पलसूद के वार्ड 12 के करीब 19 लोग जिला अस्पताल रेफर हुए है। इसमें छात्रावास की 9 छात्राओं को बीती रात्रि जिला अस्पताल रेफर किया गया था।

35 निगरानी में, 35 सर्वे में सामान्य मरीज मिले
डा. जमरे ने बताया कि दो दिन के दौरान सर्वे में कुल 70 मरीज पाए गए है। इसमें 19 का जिला अस्पताल में उपचार जारी है। दो बड़वानी के निजी अस्पताल में भर्ती थे, जिनकी तबियत अधिक खराब होने पर उनके परिजन इंदौर लेकर गए थे। वहीं पलसूद में सर्वे के दौरान 35 मरीज मिले, जिनको निगरानी में रखा है। शेष 35 मरीज सामान्य पाए गए है, जिनको सर्तकता बरतने को कहा है।