विश्व बैंक ने 2024-25 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 40 बेसिस पॉइंट बढ़ाते हुए अब 7 फीसदी कर दिया
नई दिल्ली अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर आई है। वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का ग्रोथ अनुमान बढ़ा दिया है। वर्ल्ड बैंक ने पहले भारत की अर्थव्यवस्था (Economy) के 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने के अनुमान जताया था। हालांकि, अब वर्ल्ड बैंक […]
नई दिल्ली
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर आई है। वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का ग्रोथ अनुमान बढ़ा दिया है।
वर्ल्ड बैंक ने पहले भारत की अर्थव्यवस्था (Economy) के 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने के अनुमान जताया था। हालांकि, अब वर्ल्ड बैंक ने अपने अनुमान को अपडेट करते हुए भारतीय इकनॉमी के 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है।
पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, लोकसभा चुनावों के दौरान सरकारी खर्च में गिरावट के कारण अप्रैल-जून तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि धीमी होकर 6.7 प्रतिशत रह गई।
वर्ल्ड बैंक (World Bank) का कहना है कि कृषि क्षेत्र में सुधार और ग्रामीण मांग (Rural Demand) में वृद्धि से भारत की अर्थव्यवस्था को समर्थन मिलेगा।
वर्ल्ड बैंक की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर चुनौतीपूर्ण माहौल के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि मजबूत बनी हुई है।विश्व बैंक ने इंडिया डेवलपमेंट अपडेट में कहा कि भारत की ग्रोथ रेट 2024-25 में 7 प्रतिशत पर मजबूत रहने की उम्मीद है।
विश्व बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री रैन ली ने कहा कि मॉनसून तथा निजी खपत में सुधार के दम पर भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के पूर्वानुमान को संशोधित किया गया है.
विश्व बैंक ने 'इंडिया डेवलपमेंट अपडेट' रिपोर्ट में कहा, "भारत, जो दक्षिण एशिया क्षेत्र का बड़ा हिस्सा है, की वृद्धि दर 2024-25 में 7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है…"
इसमें कहा गया, "कृषि क्षेत्र में सुधार से उद्योग में आई मामूली गिरावट की आंशिक भरपाई हो जाएगी और सेवाएं मज़बूत बनी रहेंगी… कृषि में अपेक्षित सुधार से ग्रामीण मांग में भी सुधार होगा…"
पिछले हफ़्ते केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, कुछ ही माह पहले हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सरकार के व्यय में कमी के चलते वित्तवर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2024) में भारत की आर्थिक वृद्धि धीमी होकर 6.7 फ़ीसदी रह गई.
रिपोर्ट में कहा गया कि कृषि में सुधार से उद्योग में मामूली नरमी आंशिक रूप से कम हो जाएगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सर्विस सेक्टर मजबूत बना रहेगा और कृषि में अपेक्षित सुधार की बदौलत ग्रामीण निजी खपत में सुधार होगा।
2024-25 की पहली तिमाही में 6.7% रही जीडीपी ग्रोथ
भारत की अप्रैल-जून तिमाही (Q1FY25) के लिए अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी रही। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 6.7% की दर (Q1FY25 GDP Growth rate) से बढ़ी।
चुनावों की वजह से सुस्त हुई अर्थव्यवस्था की रफ़्तार
बता दें कि जीडीपी (GDP) ग्रोथ में गिरावट की वजह लोकसभा चुनावों के दौरान सरकारी खर्च में कमी और खपत रुकना मानी जा रही है। केंद्रीय बैंक RBI ने जून तिमाही के लिए 7.1% की GDP ग्रोथ का अनुमान लगाया था।